मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

21 जनवरी 2011

उत्तराखंड में प्रोन्नति नीति को लेकर कवायद

सूबे में डाक्टरों की तबादला व प्रोन्नति नीति बनाने को लेकर प्रयास तेज हो गए हैं। मामले में शासन व निदेशालय स्तर पर जारी होमवर्क से संभावना है कि आगामी फरवरी में इसे लागू कर दिया जाएगा। राज्य गठन के दस साल बाद भी स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों के तबादले और प्रोन्नति को लेकर नीति स्पष्ट नहीं बन पाई है। यही वजह है कि नियुक्ति के बाद कई डाक्टर वर्षो से एक ही स्थान पर कार्य करने को विवश हैं। प्रोन्नति के मामले में भी सरकार का रवैया ढुलमुल है। पिछले दस वर्षो से करीब 650 डाक्टरों का प्रमोशन नहीं हुआ है। जाहिर है ऐसे हालात में डाक्टरों की कार्यप्रणाली में सुधार के मंसूबे पूरे होने से रहे। सूबे में डॉक्टरों की कमी का एक प्रमुख कारण यह भी है। जहां तक तबादला व प्रोन्नति नीति बनाने का मामला है। इस बारे में चर्चा तो अरसे से हो रही थी, लेकिन काम में तेजी करीब छह माह पूर्व आई। निदेशालय स्तर से अति दुर्गम, दुर्गम और सुगम क्षेत्र के चिकित्सालयों को चिन्हित करने के साथ ही वहां तैनात डाक्टरों के सेवाकाल के रिकार्ड खंगाले गए। तबादला नीति में इसी आधार पर अति दुर्गम, दुर्गम और सुगम क्षेत्र में तैनाती के मानक तय किए जाने का प्रस्ताव है। इससे एक निश्चित अवधि के बाद डॉक्टर को दूसरे क्षेत्र में भेजा जा सकेगा। तैनाती के समय ही इस अवधि के बारे में डॉक्टर को अवगत करा दिया जाएगा। यही नहीं, अवधि पूरी होने के बाद डाक्टर बिना रिलीवर के ही नए कार्यस्थल का रुख कर सकेंगे। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ महासचिव डा.डीपी जोशी के मुताबिक तैनाती की समय सीमा तय होने से डॉक्टरों को किसी भी इलाके में काम करने से गुरेज नहीं होगा। साथ ही सुगम व दुर्गम को लेकर फर्क भी समाप्त हो जाएगा। स्वास्थ्य (सचिव) डा.उमाकांत पंवार के मुताबिक शासन स्तर पर होमवर्क जारी है। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से निर्देश भी मिला है। इसे तैयार करने में भले ही समय लग रहा है, लेकिन नीति के बेहतर परिणाम नजर आएंगे। योजना पर काम लगभग पूरा हो चुका है जल्द ही इसे मुख्यमंत्री कार्यालय अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। कोशिश है इसे अगले माह तक लागू कर दिया जाए। नीति के लागू होने से डॉक्टरों की कमी के संकट से निजात मिलेगी(दैनिक जागरण,देहरादून,21.1.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।