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02 जनवरी 2011

बिहारःकुलपतियों की नियुक्ति में पैसे के लेन-देन का आरोप

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य शिवानंद तिवारी ने कुलपतियों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया है। मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही को पत्र लिखकर उन्होंने आगाह किया है कि अब शिक्षकों की नियुक्ति में वसूली करने की तैयारी हो रही है। शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार से मुक्त प्रशासन के विपरीत धारा चल रही है।
अपने पत्र में श्री तिवारी ने कहा है कि नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो प्राथमिकताएं घोषित की हैं, उनमें शिक्षा का अहम स्थान है। मुझे लगता है कि इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग का दायित्व आपको सौंपा है। शिक्षा के क्षेत्र से सरोकार रखने वालों से मुझे ज्ञात हुआ है कि पिछले दिनों कुलपतियों की नियुक्ति में पैसे का बड़े पैमाने पर लेन-देन हुआ है। यह बात सच भी लग रही है, क्योंकि एक विश्वविद्यालय में एक ऐसे व्यक्ति को कुलपति बनाया गया है जिनके खिलाफ निगरानी ब्यूरो की जांच चल रही है। इधर फिर कुछ कुलपतियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। बताया जा रहा है कि आकांक्षी व्यक्तियों से सौदेबाजी शुरू है। अभी कुलपतियों को शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति का अधिकार दिया जा रहा है। इन नियुक्तियों के लिए जो आधार तय किये जा रहे हैं उनसे लगता है कि बड़े पैमाने पर लेन-देन होगा। नियुक्ति में शैक्षणिक योग्यता को मात्र 30 अंक दिये जाएंगे जबकि शेष 70 अंकों के लिए अन्य आधार तय किये गए हैं। बताया जा रहा है कि भारी राशि निवेश कर कुलपति बनने वाले मुनाफे के साथ अपनी राशि वापस पा सकें, इसके लिए यह तरीका अपनाया जा रहा है। नीतीश सरकार द्वारा प्रदेश में बदलाव की दिशा में जो गंभीर और विश्वसनीय प्रयास हो रहे हैं, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उसके विफल होने की संभावना से प्रदेश के बुद्धिजीवियों का बड़ा तबका दुखी है(दैनिक जागरण संवाददाता,पटना,2.1.11)।

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