केंद्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट गुर्जर आंदोलनकारियों की मांग पर शनिवार दोपहर जयपुर पहुंचे और ऊर्जा मंत्री जितेन्द्र सिंह सहित गुर्जर समाज के विभिन्न प्रतिनिधियों से जयपुर में बात की। इसके बाद मीडिया से कहा, कि सरकार, कांग्रेस पार्टी और गुर्जर प्रतिनिधियों की मंशा साफ है कि गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। सरकार आरक्षण देने के लिए कृतसंकल्प हैं। लेकिन हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका भी सम्मान करना आवश्यक है। इसलिए बातचीत के जरिए बार्ता को आगे बढ़ाना चाहिए। सचिन पायलट के अब इस मामले में कूद पड़ने से गुर्जरों को संबल मिला है।
इधर, केंद्रीय राज्य मंत्री के बयान के बाद गुर्जर नेता बैसला अपने साथियों के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं और इस हिसाब से वे आगे की रणनीति तय करेंगे।
इससे पहले सुबह आंदोलनकारी गुर्जरों ने मांग की थी कि केन्द्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट सहित विभिन्न कांग्रेसी गुर्जर नेताओं को सरकार संतुष्ट करे और ये गुर्जर नेता पीलूपुरा आकर आंदोलनकारियों को सरकार की गारंटी दें, तभी वे आगे बढ़ेंगे। इधर, सरकार ने गुर्जर आंदोलनकारियों से भी दो कदम आगे बढऩे यानी जयपुर प्रतिनिधि मंडल भेजने का आग्रह किया है। इसी कड़ी में सचिन पायलट वार्ता करने के लिए जयपुर आए हैं।
इससे पहले दिन में ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्रसिंह ने भास्कर को बताया कि आंदोलनकारी नेता कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला ने जिन गुर्जर नेताओं की सूची दी थी। सरकारी स्तर पर उनसे बात कर ली गई है। इन नेताओं में पूर्व विधायक बृजेन्द्र सूपा, जगनसिंह, गुर्जर समाज के अध्यक्ष देवकीनंदन काका, पूर्व मुख्य सचेतक हरिसिंह महुआ, जी.आर. खटाना, विधायक महेन्द्रसिंह, रामस्वरूप कसाना और वे खुद इस बातचीत में शामिल हैं। सिंह ने कहा कि सरकार गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने को कृतसंकल्प है। कोर्ट ने जो रास्ता बताया है, सरकार उसी रास्ते से गुर्जरों को उनका हक देगी।
शुक्रवार को सरकार वार्ता के लिए दिनभर गुर्जर प्रतिनिधिमंडल का इंतजार करती रही, लेकिन गुर्जर नेता धरनास्थल से नहीं हिले। गुर्जर नेता अड़े हैं कि पहले केंद्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट और राज्य सरकार में ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्रसिंह जैसे कांग्रेसी गुर्जर नेता सरकार से आश्वासन लें और सरकार से टेबल पर बातचीत कर गुर्जरों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण लेकर आएं। इसके बाद ही वे बातचीत करेंगे। गुर्जर नेताओं ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी, हरिसिंह महुवा, ब्रिजेंद्रसिंह सूपा और रामचंद्र सराधना आदि नेताओं के नाम भी सुझाए हैं।
उधर, पीलूपुरा में तेहरवें दिन भी गुर्जर दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर जमे रहे। गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला ने कहा कि पहले कांग्रेस से जुड़े नेता जयपुर में सरकार से ठोस बात करें। साथ ही आरक्षण के मामले में सरकार द्वारा दिए जाने वाले आश्वासन की गारंटी लें।
आंदोलनकारियों की ओर से वार्ता का प्रस्ताव ठुकराने के बाद अब राज्य सरकार ने सख्ती बढ़ाने का निर्णय किया है। इसके तहत राजमार्ग जाम करने वाले डेढ़ हजार लोगों के खिलाफ महवा थाने में शुक्रवार को मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं गृह विभाग की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर केंद्र सरकार से सेना की अतिरिक्त कंपनियों की मांग भी की गई है।
अपनी मांग पर अड़े गुर्जर सीधी भिड़ंत की तैयारियों में जुट गए हैं। इस कड़ी में कल देर रात पाटोली वार्ता करने पहुंचे जिला कलक्टर व एसपी को आंदोलनकारियों ने वापस भेज दिया। पाटोली में गुर्जरों ने संघर्ष की स्थिति को देखते हुए हथियार जमा करना शुरू कर दिया है।
पाटोली में करीब दो सौ मीटर क्षेत्र में रोड़ी, पत्थर व नुकीले हथियारों को एकत्र करना जारी है। विभिन्न इलाकों में बंद समाप्त कर गुर्जर समुदाय के लोग पाटोली में जमा होना शुरू हो गए हैं। इस कड़ी में दूर तक पत्थर मारने के उपकरण पाटोली लाए गए हैं। इस उपकरण की मदद से काफी दूर तक पांच से दस किलो के पत्थर को फेंका जा सकता है। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से गुर्जरों ने दिन व रात के लिए अलग-अलग टीम बनाकर सुरक्षा व्यवस्था की है।
महवा थाने में पुलिस ने पचास लोगों के खिलाफ नामजद व अन्य करीब डेढ़ हजार लोगों के खिलाफ नेशनल हाइवे को जाम कर सरकारी सपति को नुकसान पहुंचाने, दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया है ।
(गिरिराज अग्रवाल,दैनिक भास्कर,जयपुर-भरतपुर,2.1.11)
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