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04 जनवरी 2011

कर्मचारियों पर ज्यादा खर्च करते हैं विदेशी बैंक

विदेशी बैंक अपने कर्मचारियों पर ज्यादा खर्च करते हैं। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा 21 बड़े बैंकों पर किए गए सर्वे के मुताबिक सिटी बैंक की कर्मचारी लागत सबसे ज्यादा और एचडीएफसी बैंक की सबसे कम है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक इस मामले में बीच में आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सिटी बैंक की वेतन लागत पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा यानी औसतन 19 लाख रुपये रही। इसके बाद 13 लाख के साथ स्टैनचार्ट दूसरे और एचएसबीसी 12.3 लाख रुपये के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इस मामले में एक खास बात यह है कि सिटी इंडिया बेशक कर्मचारियों को सबसे ज्यादा भुगतान करता हो, लेकिन वह कर्मचारियों से वसूल भी सबसे ज्यादा करता है। सिटी का प्रति कर्मचारी राजस्व 127 लाख रुपये है, जबकि एसबीआइ में यह औसतन 20 लाख रुपये ही बैठता है। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक की प्रति कर्मचारी लागत 6.5 लाख रुपये है, जो सरकारी बैंकों में सबसे ज्यादा है। एसबीआइ का प्रति कर्मचारी खर्च 6.4 लाख रुपये है, जबकि आइडीबीआइ और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के लिए यह आंकड़ा 6.3 लाख रुपये बैठता है। पिछले वित्त वर्ष तक एसबीआइ के कर्मचारियों की संख्या दो लाख थी, जबकि सिटी इंडिया के सिर्फ 7,500 कर्मचारी थे। चेन्नई के इंडियन ओवरसीज बैंक के कर्मचारियों की संख्या 30 हजार है। एसबीआइ के कर्मचारियों ने कुल मिलाकर 1,33,851 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। इसमें 11,733 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। इसी तरह आइओबी का लागत आय अनुपात इन बैंकों में सबसे ज्यादा 67 फीसदी का है। सिटी का लागत से आमदनी अनुपात 24 प्रतिशत और एचएसबीसी का 23 फीसदी है। एसबीआइ के लिए यह अनुपात 51 प्रतिशत है। सर्वे के अनुसार, इंडियन बैंक अपने कर्मचारियों पर 6.2 लाख रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा छह लाख रुपये, एक्सिस बैंक और बैंक ऑफ इंडिया 5.8-5.8 लाख रुपये, पंजाब नेशनल बैंक 5.5 लाख रुपये, केनरा बैंक 5.1 लाख रुपये, सिंडीकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक और कॉरपोरेशन बैंक 4.8-4.8 लाख रुपये खर्च करते हैं(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,4.1.11)।

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