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15 जनवरी 2011

मध्यप्रदेशःअनुकंपा नियुक्ति में टूटा सात साल का बंधन

अनुकंपा नियुक्ति के इंतजार में ही सात साल बीतने से निराश हो चुके आवेदकों को अब हाथ पर हाथ रखकर बैठने की जरूरत नहीं है। राज्य शासन ने अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में सात साल के बंधन में एक साल की छूट दे दी है। पिछले दशक में दिवंगत हुए शासकीय सेवकों के आश्रित 31 दिसंबर तक दोबारा आवेदन कर सकते हैं। इनके आवेदनों के निराकरण समय सीमा में किया जाएगा। अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में राज्य शासन ने नए निर्देश जारी कर दिए हैं। इनमें समस्त विभागाध्यक्षों एवं कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि 13 दिसम्बर, 2001 के बाद दिवंगत हुए शासकीय सेवकों के परिवार के ऐसे आश्रित जिन्हें 7 वर्ष की अवधि बीतने के कारण अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकी है, उनसे नए सिरे से दोबारा आवेदन लिये जाएं। ऐसे आवेदक 31 दिसम्बर 2011 तक अनुकम्पा नियुक्ति के लिए नए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इस अवधि में प्रस्तुत किए गए आवेदनों के निराकरण की समय सीमा भी तय की गई है। शासन स्तर पर इन नियमों के तहत प्रस्तुत किए गये आवेदनों का निराकरण अनिवार्य रूप से 30 जून, 2012 तक किया जाएगा। इतना ही नहीं एक जुलाई, 2012 को समस्त कलेक्टर, विभागाध्यक्ष, भारसाधक सचिव इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे कि इस श्रेणी के समस्त प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है। वर्ष 2012 में 30 जून के बाद अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में 7 वर्ष की समयावधि का प्रावधान दोबारा लागू हो जाएगा। इसलिए हटाया बंधन : जानकारी के अनुसार 13 दिसम्बर, 2001 को जारी निर्देशों में इस बंधन का प्रावधान किया गया था। इसके तहत अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में कार्यालय स्तर से प्रक्रिया में विलम्ब होने के कारण 7 वर्ष की अवधि व्यतीत होने पर अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण अमान्य अथवा नस्तीबद्ध कर दिए जाएं। मगर शासन के ध्यान में ऐसे भी अनेक प्रकरणों आए, जिनमें आवेदकों का कोई दोष न होते हुए भी उनके प्रकरण अमान्य अथवा नस्तीबद्ध कर दिए गए। इसे देखते हुए शासन ने 13 दिसम्बर, 2001 के बाद अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में पात्रता रखने वाले आवेदकों को एक विशेष अवसर देने का निर्णय लिया। संविदा शिक्षक बनना तो तय : नए सिरे से आने वाले आवेदनों के निराकरण के लिए भी शासन ने नई प्रक्रिया तय की है। इसके तहत आवेदक द्वारा दिया गया आवेदन पत्र का परीक्षण वह कार्यालय करेगा जिसमें तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, तृतीय श्रेणी लिपिकीय एवं चतुर्थ श्रेणी का पद रिक्त हो। रिक्त पद होने पर संबंधित कार्यालय द्वारा आरक्षण नियमों का पालन करते हुए अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने की कार्यवाही की जाएगी। आवेदित कार्यालय में पद रिक्त न होने की स्थिति में अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर को प्रस्तुत किया जाएगा। कलेक्टर को प्रस्तुत आवेदन पत्र पर जिले में किसी भी विभाग में रिक्त पद होने पर पात्रतानुसार नियुक्ति दी जा सकेगी। तृतीय श्रेणी के लिए प्रस्तुत किए गए अनुकंपा नियुक्ति के आवेदनों पर जिले में किसी भी विभाग में पद रिक्त न होने की स्थिति में आवेदक की शैक्षणिक योग्यता के अनुसार संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 अथवा वर्ग-2 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाने के लिए आवेदन संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को प्रस्तुत किए जाएंगे। यदि आवेदक संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 अथवा वर्ग-2 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति स्वीकार नहीं करता है तो आवेदक का अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन सदैव के लिए नस्तीबद्ध कर दिया जाएगा(दैनिक जागरण,भोपाल,15.1.11)।

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