बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज ने 2008 की मंदी के दौरान कर्मचारियों के वेतन में जो कटौती की थी, उसे अब बहाल करेगी। कंपनी के इस कदम से एविएशन सेक्टर में कारोबारी हालात बेहतर होने के संकेत मिल रहे हैं।
नरेश गोयल की जेट एयरवेज ने मंदी के दौरान वेतन में 25 फीसदी तक की कटौती की थी। उस वक्त कंपनी ने कहा था कि कारोबार के फिर से रफ्तार पकड़ने पर वह पुराना वेतन बहाल करेगी।सूत्रों ने बताया कि नए वाइस प्रेसिडेंट (एचआर), समर श्रीवास्तव सहित कंपनी का प्रबंधन बुधवार को मुंबई में जेट के मुख्यालय में पायलट और अन्य एग्जिक्यूटिव के साथ बैठक कर वेतन बहाल करने के प्रस्ताव पर बातचीत कर सकता है।
एक अधिकारी ने कहा, 'कंपनी ने 25 फीसदी तक कटौती की बात कही थी, लेकिन कुछ पायलटों का वेतन 40 फीसदी तक घट गया था। काटे गए वेतन का कुछ हिस्सा हाल मंे बहाल किया गया था और बाकी का छह फीसदी इस महीने के अंत तक दिया जा सकता है।' वेतन 8, 6 और 6 फीसदी के तीन चरणों में बहाल होना है।एयरलाइन अपनी अंतरराष्ट्रीय कारोबार में विस्तार की जरूरतें पूरी करने के लिए 100 और पायलटों की कमांडर के तौर पर नियुक्ति करने की योजना बना रही है। ऐसे में मौजूदा पायलट नई नियुक्तियों के बाद अपने करियर की प्रगति में बाधा नहीं चाहते। इस पर भी बैठक में विचार-विमर्श होगा। जेट एयरवेज ने इस विषय पर टिप्पणी से इनकार कर दिया।
जेट के एक पायलट का कहना था, 'एयरलाइन विस्तार कर रही है। हमें और पायलटों की जरूरत है, लेकिन इसके साथ हम अपनी पोजिशन सुरक्षित करने के साथ ही वित्तीय हितों की भी सुरक्षा चाहते हैं।' जेट एयरवेज के पायलट हमेशा से नई नियुक्तियों को लेकर चिंतित रहते हैं क्योंकि कंपनी नए पायलटों को पुराने पायलट से ज्यादा वेतन देती है। जेट एयरवेज के पास लगभग 11,900 कर्मचारी हैं। कंपनी ईंधन और सेल्स-डिस्ट्रीब्यूशन के बाद वेतन पर सबसे ज्यादा रकम खर्च करती है।
जेट एविएशन ने मौजूदा वित्त वर्ष में एविएशन सेक्टर की अन्य कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। सेक्टर की वृद्धि दर जहां 12 फीसदी रही है, वहीं जेट का कारोबार 18 फीसदी की दर से बढ़ा है(मनीषा सिंघल,इकनॉमिक टाइम्स,मुंबई,12.1.11)।
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