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08 जनवरी 2011

नवोदय विद्यालय खुलें न खुलें तमिलनाडु को हिंदी मंजूर नहीं

तमिलनाडु की करुणानिधि सरकार को सब कुछ मंजूर है, हिंदी में पढ़ाई नहीं। राज्य सरकार अपने इस रुख में कतई बदलाव को तैयार नहीं हैं, चाहे वहां जवाहर नवोदय विद्यालय खुलें या न खुलें। अलबत्ता वह नवोदय विद्यालयों में सिर्फ अंग्रेजी में पढ़ाई को राजी है, लेकिन केंद्र सरकार महज उसके लिए नवोदय विद्यालयों को खोलने के नियम-कायदों में कोई बदलाव नहीं करेगी। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बीते दिनों राज्य में जवाहर नवोदय विद्यालयों को खोलने के मसले पर मुख्यमंत्री करुणानिधि के बेटे व राज्य के उप मुख्यमंत्री स्टालिन से मशविरा किया। साइंस कांग्रेस में भाग लेने चेन्नई गए सिब्बल ने उप मुख्यमंत्री को अपनी तरह के अलग इन आवासीय विद्यालयों की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई की अहमियत समझाने का प्रयास किया। बताते हैं कि उप मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि वह उन स्कूलों में हिंदी भाषा में पढ़ाई कराने के पक्ष में कतई नहीं हैं। अलबत्ता सिर्फ अंग्रेजी में पढ़ाई कराने में उन्हें एतराज नहीं है। उप मुख्यमंत्री के इस रुख को देख सिब्बल ने भी तमिलनाडु में जवाहर नवोदय विद्यालयों को खोलने का विचार छोड़ दिया है। सूत्र बताते हैं कि मंत्रालय का नजरिया साफ है कि वह नवोदय विद्यालयों के लिए पहले से बने नियम-कायदों में कतई कोई बदलाव नहीं करेगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु देश में इकलौता राज्य है, जहां नवोदय विद्यालय नहीं खुले हैं। अडं़गा हिंदी में पढ़ाई कराने को लेकर है। हालाकि सूत्र यह भी बताते हैं कि केंद्रीय विद्यालयों के मामले में राज्य सरकार का हिंदी को लेकर ऐसा अडि़यल रुख नहीं है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,8.1.11)।

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