कैबिनेट ने मंगलवार को मंडी एक्ट को मंजूरी देकर कृषि क्षेत्र के लिए सालाना 250 करोड़ की केंद्रीय इमदाद और करोड़ों के पूंजी निवेश और दो सरकारी मेडिकल कालेजों में फैकल्टी की स्थायी नियुक्तियों का रास्ता खोल दिया। पेयजल निगम में एमडी की नियुक्ति की योग्यताएं और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा में 42 जूनियर इंजीनियरों की संविदा भर्ती को हरी झंडी दिखाई। नए साल में राजस्व जुटाने और आम जनता को राहत देने के फार्मूले के तहत पारिवारिक संपत्ति में रिलीज डीड, पार्टीशन डीड और सेटलमेंट डीड की मौजूदा दरें तीन से पांच फीसदी तक घटा दी हैं।
कैबिनेट ने नए साल के तोहफे के रूप में प्रदेश में कृषि क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावनाओं की राह तैयार कर दी। मंगलवार देर शाम तक चली कैबिनेट बैठक के फैसलों को मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि दो सरकारी मेडिकल कालेजों में अब फैकल्टी की नियुक्ति को तीन समितियों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। इससे श्रीनगर मेडिकल कालेजों के लिए प्राचार्य, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर और ट्यूटर, डेमोंस्ट्रेटर समेत जूनियर और सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति को समितियां गठित की गई हैं। इससे श्रीनगर में 42 और हल्द्वानी के मेडिकल कालेज में रिक्त 136 पदों पर स्थायी नियुक्तियां की जा सकेंगी।
कैबिनेट से मंजूर राज्य के मंडी एक्ट में निजी क्षेत्र की सहभागिता पर जोर दिया है। एक्ट को विधानसभा के समक्ष पेश किया जाएगा। इसमें कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित किया गया है। नई मंडी स्थलों, प्राइवेट मंडी यार्ड, उपभोक्ता मंडी के साथ कांट्रेक्ट फार्मिग को तवज्जो दी गई है। पेयजल निगम में एमडी की नियुक्ति को लेकर शैक्षिक योग्यता के मानक तय किए गए हैं। इसके लिए उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश) जल संभरण एवं सीवर व्यवस्था अधिनियम, 1975 (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश) में संशोधन किया गया है। इसके तहत अब नए प्रावधान को शामिल कर नियमावली बनाई जाएगी। ऋषिकेश में गो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान को पीपीपी मोड में विकसित करने को मौजूदा निविदा प्रक्रिया निरस्त कर इसे नई शर्तो के साथ नए सिरे से आमंत्रित किया जाएगा।
कैबिनेट ने इंडियन रजिस्ट्रेशन एक्ट उत्तराखंड में संशोधन कर इसमें दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन में इलेक्ट्रानिक विधि को शामिल किया गया है। अन्य महत्वपूर्ण फैसले में पारिवारिक संपत्ति के रजिस्ट्रेशन में राजस्व की चोरी रोकने को रिलीज डीड, पार्टीशन डीड और सेटलमेंट डीड में स्टांप शुल्क की दरें घटाई गई हैं। अब रिलीज डीड पर छह फीसदी शुल्क के बजाए मात्र 0.25 फीसदी या अधिकतम एक हजार, पार्टीसन डीड पर शहरी क्षेत्र में चार फीसदी के बजाए एक फीसदी अथवा दस करोड़ की संपत्ति पर अधिकतम एक लाख और उससे अधिक होने पर अधिकतम तीन लाख, ग्रामीण क्षेत्रों में चार फीसदी से घटाकर 0.25 फीसदी या अधिकतर 25 हजार शुल्क तय किया गया है। सेटलमेंट डीड पर दस करोड़ की सपंत्ति पर चार फीसदी के बजाए अब 0.5 फीसदी या अधिकतम एक लाख रुपये शुल्क लिया जाएगा(दैनिक जागरण,देहरादून,5.1.11)।
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