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09 जनवरी 2011

पीएफ व ग्रैच्यूटी जब्त नहीं हो सकते

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई आरोपी फरार हो जाए तो भी उसकी ग्रैच्यूटी और पीएफ जब्त नहीं किया जा सकता। जस्टिस शिव नारायण ढींगड़ा ने कहा कि अगर आरोपी भाग रहा हो और उसे भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई के दौरान उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई चल रही हो तो उसकी सैलरी आदि तो जब्त हो सकती है लेकिन पीएफ और ग्रैच्यूटी नहीं।

हाई कोर्ट ने कहा कि ग्रैच्यूटी एक्ट और प्रोविडेंट फंड एक्ट में इसका प्रावधान है। इसे जब्त नहीं किया जा सकता चाहे आरोपी फरार ही क्यों न हो। हालांकि हाई कोर्ट ने साफ किया कि आरोपी की सैलरी और एरियर को जब्त किया जा सकता है। यह मामला 2008 का है। मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट की अदालत ने एक आरोपी को भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। इसके तहत आरोपी की संपत्ति जब्त करने का निर्देश दिया। आरोपी की संपत्ति में उसकी अचल संपत्ति के साथ - साथ , सैलरी के एरियर , ग्रैच्यूटी और पीएफ जब्त करने का निर्देश जारी किया गया। इस दौरान महिला ने दलील दी कि जिस अचल संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए गए हैं वह उसके पति ( आरोपी ) की नहीं बल्कि उसके नाम पर है।


फिर मैजिस्ट्रेट ने अचल संपत्ति की कुर्की के आदेश को वापस ले लिया लेकिन पीएफ , ग्रैच्यूटी और सैलरी जब्त करने का निर्देश दिया। मैजिस्ट्रेट के ऑर्डर को आरोपी की पत्नी ने अडिशनल सेशन जज की अदालत में चुनौती दी। सेशन कोर्ट ने महिला की अर्जी स्वीकार करते हुए कहा कि ग्रैच्यूटी और पीएफ को जब्त नहीं किया जा सकता। लेकिन अडिशनल सेशन जज ने कहा कि अगर वॉरंट पर तामिल न हो रहा हो तो सीपीसी के तहत सैलरी का एरियर जब्त हो सकता है। मामला हाई कोर्ट के सामने आया। हाई कोर्ट ने कहा कि अडिशनल सेशन जज ने यह सही फैसला दिया है कि कि पीएफ और ग्रैच्यूटी जब्त नहीं हो सकते। लेकिन सैलरी के एरियर को जब्त करने के लिए सीपीसी के प्रावधान की जरूरत नहीं है। 

आरोपी को भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई इसलिए है ताकि आरोपी को सुनवाई के दौरान पेश होने के लिए मजबूत किया जा सके। मौजूदा मामले में आरोपी सैलरी नहीं ले रहा और न ही वह अपने दफ्तर जा रहा है इतना ही नहीं वह अपने परिजनों को भी संपर्क नहीं कर रहा। कानूनी प्रावधानों के तहत अगर कोई शख्स 7 साल तक गायब रहे तब यह माना जाता है कि वह दुनिया में अब नहीं है लेकिन इस मामले में अभी 7 साल नहीं हुए हैं ऐसे में यह माना जा सकता है कि आरोपी कानून से भाग रहा है। ऐसे मामले में सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत उसकी सैलरी जब्त की जा सकती है लेकिन कानूनी प्रावधानों के तहत पीएफ और ग्रैच्यूटी जब्त नहीं हो सकता(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,9.1.11)।

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