'बच्चों को विज्ञान से जोड़ा जाना जरूरी है' मानना है वीरमाता जीजाबाई टेक्निकल इंस्टिट्यूट (वीजेटीआई) के छात्रों का। अपनी इस सोच को अमल में लाते हुए वे इन दिनों मुंबई के स्कूली बच्चों को रोबोटिक्स और एयरोमॉडलिंग सिखा रहे हैं, साथ ही पर्यावरण पर टेक्नोलॉजी के असर की जानकारी भी दे रहे हैं।
छात्रों ने इस कैंपेन को 'प्रतिज्ञा' का नाम दिया है। इसके तहत विभिन्न सेमेस्टर्स के स्टूडेंट्स की टीम जीबी वाचा, ग्रीन लॉन्स, ईवीएम, केंद्रीय विद्यालय, अमोलक अमिचंद स्कूल और मां निकेतन (लड़कियों का अनाथालय) जैसे कई स्कूल नाप चुकी है। रोबोट और एयरोमॉडल तैयार करवाने के अलावा ये छात्र लैपटॉप और प्रोजेक्टर के जरिए बच्चों को विज्ञान के सिद्धांतों को भी समझा रहे हैं।
क्या बच्चे यंग टीचर्स को पसंद करते हैं? टीम से जुड़े दक्षित ने जवाब में एनबीटी को बताया, 'बेशक। अगर साइंस को रुटीन क्लास से अलग और नए ढंग से पढ़ाया जाए, तो बच्चे बड़े ही उत्साह से सुनते-समझते हैं। अपने हाथों से बेसिक रोबोट बनाना उन्हें खास तौर पर पसंद आता है। हम तीन घंटे में उन्हें बहुत कुछ बताने की कोशिश करते हैं।' प्रोजेक्ट में सबसे चुनौतीपूर्ण क्या रहा? 'स्कूल मैनेजमेंट से इजाजत लेने में कई बार दिक्कत आती है। कहीं एक ही पीरियड दिया जाता है तो कहीं तीन घंटे हमें दिए जाते हैं,' कहना है एक अन्य स्टूडेंट अक्षत का।
वैसे ये छात्र इन दिनों 'टेक्नोवैंजा' 2011 की तैयारियों में भी जुटे हैं। 4-6 फरवरी के बीच होनेवाले इस सालाना जलसे में देश के करीब 20 हजार इंजिनियरिंग छात्र हिस्सा लेंगे।
फोटो-वीजेटीआई
कैप्शन: ग्रीन लॉन्स स्कूल में क्लास लेते वीजेटीआई स्टूडेंट अक्षत सांड(नवभारत टाइम्स,मुंबई,21.1.11)
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