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11 जनवरी 2011

महाराष्ट्र में सभी प्रफेशनल कोर्सेज अब केवल भूमिपुत्रों के लिए

नया साल दूसरों के लिए भले खुशखबरी लाया हो, लेकिन छात्रों के लिए यह तनाव लेकर आया है। राज्य में इस शैक्षिक सत्र से सभी प्रफेशनल कॉलेजों में प्रवेश के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। डीटीई की वेबसाइट (डीटीई डॉट ओआरजी) पर एमबीए, एमएमएस, पीजीडीएम, पीजीडीबीएम, एमसीए आदि के लिए चल रही प्रवेश प्रक्रिया में इसका बाकायदा जिक्र भी है। इस बाबत एनबीटी के सवाल पर टेक्निकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ एस के महाजन ने बताया, 'नियम पिछले साल ही बना था। संबंधित जीआर भी 2010 में आ गया था। लेकिन यह 2011-12 के सत्र से लागू होना था। इस आधार पर एमबीए, एमएमएस, पीजीडीएम, पीजीडीबीएम, एमसीए में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सीईटी और दूसरी प्रवेश परीक्षाओं में भी डोमिसाइल जरूरी होगा।'


इसका अर्थ यह कि 'बाहरी' लोगों को राज्य के कोटे में से कोई सीट नहीं मिलेगी। उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश टोपे ने एनबीटी से सफाई देते हुए कहा, 'हमने कुछ नया नहीं किया। सभी राज्य ऐसा करते आ रहे हैं। वैसे मुझे नहीं लगता कि बहुत ज्यादा लोग बाहर से आकर यहां एडिमशन लेते हैं।' लेकिन जो छात्र 8-9 साल से राज्य में रह रहे हैं, उनका क्या होगा? सवाल के जवाब में टोपे का कहना है, 'उनके लिए 15 प्रतिशत केंद्रीय कोटा और20 प्रतिशत मैनेजमेंट कोटे की सीटें खुली हैं।' 
यानी अगर छात्र 15 प्रतिशत केंद्रीय कोटे में प्रवेश नहीं पा सका, तो मैनेजमेंट कोटे में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है जिसकी बाकायदा बोली लगती है। स्पष्ट है कि ऐसे छात्र जिसकी रैंक अच्छी न आए और साथ में वे गरीब या मध्यवर्गीय हों, उनको हायर एजुकेशन से वंचित रहना पड़ सकता है। यह केंद्र और राज्य सरकार द्वारा हायर एजुकेशन को बूस्ट अप किए जाने के खिलाफ भी है, हालांकि प्राइवेट संस्थानों की इससे चांदी हो सकती है। गौरतलब है, पिछले साल भी सरकार ने यह नियम लागू करने का प्रयास किया था, लेकिन अभिभावकों और छात्रों द्वारा बवाल मचाए जाने के बाद इसे वापस ले लिया गया था। 

हाय रे एजुकेशन 
-राज्य के निवासियों के लिए 65 प्रतिशत सीटें आरक्षित जिनके पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट है, राज्य के कोटे में केवल वही छात्र आवेदन कर सकते हैं। 
-शेष छात्रों के लिए केवल सेंट्रल और मैनेजमेंट कोटा 
-सेंट्रल कोटे में होती हैं 15 प्रतिशत सीटें 
- मैनेजमेंट कोटे में 20 प्रतिशत सीटें , लेकिन इसकी फीस अधिक 
-यह नियम राज्य के सभी सरकारी , अर्धसरकारी और गैरसरकारी संस्थानों पर होगा लागू 
क्या है डोमिसाइल 
डोमिसाइल सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाणपत्र होता है कि व्यक्ति या उसके माता पिता का जन्म राज्य में हुआ है या वह 15 साल से यहां रह रहा है। 

सब राज्य ऐसा करते हैं 
कर्नाटक , तमिलनाडु , आंध्र समेत कई राज्यों में यह नियम है। हमें भी अपने लोगों को ख्याल रखना होगा। वैसे मुझे नहीं लगता कि इससे कोई खास फर्क पड़ेगा। जहां तक मुझे पता है कि महाराष्ट्र में बाहर से आकर एग्जाम देनेवालों की संख्या कोई खास नहीं है। और वैसे उनके लिए सेंट्रल और मैनेजमेंट कोटा तो है ही। 
राजेश टोपे , उच्च शिक्षा मंत्री 
सवाल - सरकार के इस नियम से छात्रों को कितना नुकसान होगा? 
(कंचन श्रीवास्तव,नवभारत टाइम्स,मुंबई,11.1.11)

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