नकल के लिए बदनाम जिलों में यूपी बोर्ड इस बार भी खास निगाह रखने जा रहा है। इस बात की विशेष तैयारी की गई है इन जिलों में कापियां न बदली जा सकें। इसके तहत बोर्ड 10 जिलों में विशेष कोड वाली कापियां भेजेगा। यदि परीक्षार्थी की कापी बदली रहेगी, तो वह तत्काल पकड़ में आ जाएगी। गौरतलब है कि यूपी में खास तौर से पूर्वाचल के कई जिले नकल के मामले में यूपी बोर्ड का सिरदर्द रहे हैं। यहां तमाम कोशिश के बावजूद नकल नहीं रोकी जा सकी है। इन जिलों में सामूहिक नकल के साथ कापियां बदले जाने की घटनाएं प्रकाश में आती रही हैं। ऐसी कापियां बाहर लिखवाकर केंद्र व्यवस्थापकों की मिलीभगत से परीक्षा के बाद जमा करा दी जाती हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रयोग के तौर पर गत वर्ष कुछ जिलों में विशेष कोड वाली कापियां भेजी गई थीं। इस बार इसके लिए दस जिले चयनित किए गए हैं, जिनमें इलाहाबाद, अलीगढ़, कौशांबी, बलिया, देवरिया, गाजीपुर, मथुरा, आजमगढ़, मऊ व एटा हैं। कौशांबी के लगभग दो दर्जन केंद्र ऐसे हैं, जो नकल के लिए बदनाम रहे हैं, तो बलिया, मऊ और गाजीपुर में भी नकल की सर्वाधिक घटनाएं प्रकाश में आती हैं। पिछले साल लखनऊ में भी विशेष कोडिंग वाली कापियां भेजी जानी थीं, लेकिन बाद में उसका नाम बदनाम जिलों की सूची से निकाल दिया गया था। बोर्ड के सूत्रों के अनुसार इन कापियों का क्रमांक नंबर जिला विद्यालय निरीक्षकों के यहां दर्ज होगा। इससे बहुत आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कापियां बदली गई हैं या नहीं। शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने स्वीकार किया कि ऐसे 10 जिले चयनित किए गए हैं। इससे नकल रोकने में सहायता मिलेगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,12.1.11)।
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