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11 जनवरी 2011

परीक्षा के लिए बच्चों पर न थोपें पाबंदियां

अक्सर बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे बच्चों पर कई पाबंदियां लगा दी जाती हैं कि ये काम करो, ये काम न करो। समय बर्बाद न करो आदि-आदि। इससे बच्चों के मन में परीक्षा को लेकर खौफ बैठ जाता है। जिसका सीधा असर उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। अभ्यास करते रहें बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के लिए अभ्यास करना सबसे अहम है। माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को ऐसा माहौल दें कि वे तनावरहित होकर पढ़ाई कर सकें। बच्चों को सैंपल पेपर भी करने चाहिए। ख्याल रखें कि बच्चे मेज-कुर्सी पर पढ़ाई करें। अतिविश्वासी न बनें, प्री-बोर्ड को गंभीरता से लें बच्चों को चाहिए कि वह बोर्ड की परीक्षा की तैयारी में अतिविश्वासी न बनें। स्कूलों में होने वाली प्री-बोर्ड की परीक्षाओं को बेहद गंभीरता के लें। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि कोर्स का बड़ा हिस्सा तैयार हो जाता है। बोर्ड का डर निकालने की जरूरत बच्चों के लिए बेहतर होगा कि हम उनके मन में बोर्ड के नाम का जो डर बैठा है, उसे बाहर निकालने में मदद करें। बच्चों को समझाना होगा कि किस तरह अपना टाइम मैनेजमेंट कर वे बोर्ड की परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकते हैं। वह भी बिना किसी तनाव और दबाव के। अपनी गलतियों को ढूंढें बच्चों को चाहिए की वे अपना आंकलन खुद करें। स्कूल में जो पेपर दिए गए हैं या सैंपल पेपर किए हैं, उनमें गलती ढूंढ कर सुधार लें। शिक्षकों व होशियार साथी के संपर्क में रहें बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरान बच्चों को चाहिए कि वह शिक्षकों व उन साथियों के संपर्क में रहे जो होशियार हैं। किसी संशय होने की स्थिति में दोनों से ही अपनी बात का समाधान लेने में हिचकना नहीं चाहिए(दैनिक जागरण,दिल्ली,11.1.11)।

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