टाटानगर रेलवे स्टेशन के इलेक्ट्रिक लोको शेड के इंजीनियरों और कर्मियों को नई तकनीक से अवगत कराने की कवायद शुरू हो गई है। इससे कर्मियों की स्किल और बढ़ेगी। इसके लिए ट्रेनिंग का सिलसिला चलाया जाएगा। स्टाफ की कमी पूरा करने के लिए यह रणनीति अपनाई जा रही है ताकि लोको बढ़ने के बाद भी कर्मियों की कार्यकुशलता बरकरार रहे। टाटानगर के इलेक्ट्रिक लोको शेड में 1200 कर्मियों के पद हैं। इनमें से लगभग एक हजार कर्मी ही काम कर रहे हैं। बाकी पद खाली चल रहे हैं। यह पद तब कायम किए गए थे जब शेड में 120 इंजन थे। अब इंजनों की तादाद 182 हो गई है। इंजनों की तादाद तो बढ़ी लेकिन कर्मचारियों की संख्या कम हो गई। इसके बाद भी इंजीनियर और कर्मी अपनी मेहनत के बूते शेड को कामयाबी से चला रहे हैं। शेड में 20 इंजन और आने वाले हैं। इन इंजनों के आने के बाद भी शेड ठीक से चलता रहे इसके लिए वरीय मंडल विद्युत अभियंता अभिमन्यू सेठ ने कर्मचारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए इंजीनियरों और कर्मचारियों को नई तकनीक से अवगत कराने का फैसला किया है। कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका सिलसिला जल्द शुरू होने वाला है। वरीय मंडल विद्युत अभियंता कहते हैं कि उनका एक मातहत दो लोगों के बराबर काम कर रहा है। वह अपनी मेहनत से कर्मियों की कमी का एहसास नहीं होने दे रहा है। इसलिए ट्रेनिंग देकर इनकी कार्यकुशलता बढ़ाई जा रही है(दैनिक जागरण,टाटानगर,2.1.11।
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