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29 जनवरी 2011

फरीदाबादःएक नज़र गरीब बच्चों को फ्री ट्यूशन दे रही महिलाओं पर

महंगाई के इस दौर में जहां शिक्षा भी महंगी हो चुकी है और ट्यूशन फीस भरना अभिभावकों की हालत खराब कर देता है, वहीं कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो गरीब बच्चों को फ्री में ट्यूशन दे रही हैं। अपने अंदाज में यह महिलाएं समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं। अलग-अलग विषयों में कमजोर बच्चों को ये महिलाएं ट्यूशन देती हैं। सेक्टर-19 स्थित आर्य समाज मंदिर में ये महिलाएं गरीब बच्चों को बेहतर भविष्य देने का प्रयास कर रही हैं।

समाज के प्रति कुछ देने का है दायित्व

शास्त्री कॉलोनी, ओल्ड फरीदाबाद निवासी 53 वर्षीय सांता अग्रवाल पिछले 8 सालों से गरीब बच्चों को फ्री ट्यूशन पढ़ाने में लगी हैं। बीए पास सांता ने 3-4 बच्चों को फ्री ट्यूशन पढ़ाने के साथ अपनी मुहिम शुरू की थी और आज ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 70 से अधिक हो चुकी है। सांता ने बताया कि समाज के प्रति हर किसी का कुछ न कुछ दायित्व है। ऐसे में जरूरी है कि हम खुद को और अपने परिवार को बेहतर बनाने के साथ समाज को भी कुछ अच्छा देने का प्रयास करें। इसी सोच के साथ उन्होंने उन गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरू किया, जो ट्यूशन पढ़ने में सक्षम नहीं हैं। उनकी इस पहल का ही नतीजा है कि उनके साथ आज शास्त्री कॉलोनी की ही कुछ युवतियों और महिलाएं भी हैं। 

पढ़ाना चाहती हूं गरीब बच्चों को 
शास्त्री कॉलानी की ही 62 वर्षीय संतोष मित्तल भी उनकी इस मुहिम में शामिल हो चुकी हैं। वह पिछले 6 सालों से गरीब बच्चों को पढ़ा रही हैं। संतोष का कहना है कि इस उम्र में आकर मुझे लगता है कि मैं पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त हो चुकी हूं और अब समय है समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का। वह गरीब बच्चों को शिक्षा देना चाहती है ताकि ये बच्चे अपने जीवन में आगे बढ़ें और दूसरों पर निर्भर न रहें। अपने माता-पिता का सहारा बनें। 

बांटने से बढ़ता है असली ज्ञान 
बीकॉम कर चुकीं कामिनी भी यहां गरीब बच्चों को शिक्षा देने में सांता और संतोष का हाथ बांट रही हैं। उन्हें भी गरीब बच्चों को फ्री में ट्यूशन पढ़ाकर जो आनंद मिलता है, वह उसे छोड़ना नहीं चाहतीं। कामिनी ने बताया है वह इस संस्था में दो वर्षों से पढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा सिर्फ पैसा कमाने का जरिया नहीं है, असली ज्ञान बांटने से ही बढ़ता है। आज इन बच्चों को शिक्षा देने से अपना तो भला होता ही है, साथ ही इन बच्चों का भी भला हो जाता है। सिर्फ यही नहीं 12वीं कक्षा की एक स्टूडेंट मंजू भी इस मुहिम में शामिल हो चुकी है। खुद तो वह पढ़ाई कर ही रही है, साथ ही गरीब बच्चों को फ्री ट्यूशन पढ़ाकर अपने खाली वक्त का सदुपयोग करती है। मंजू का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने से जहां बच्चों का भला हो रहा है, वहीं उनकी मेमरी भी बढ़ रही है। कारण चाहें कुछ भी हो, लेकिन गरीब बच्चों को फ्री ट्यूशन पढ़ाने की जो मुहिम शुरू हुई है, उससे काफी बच्चों का भला जरूर होगा(भावना सिंह,नवभारत टाइम्स,फरीदाबाद,29.1.11)। 

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