एक हाथ में पोस्ट ग्रेजुएशन, एमबीए, बी-टेक जैसी बड़ी डिग्री और दूसरे हाथ महज 140 रुपये के दैनिक मानदेय की ओर बढ़ते हुए। डेढ़ सौ रुपये से भी कम के दैनिक वेतन में पुलिस से कंधा मिलाकर 24 घंटे की ड्यूटी में हर जोखिम अपने सिर लेने को तैयार अनगिनत नौजवान इस वक्त मुरादाबाद के पुलिस अस्पताल परिसर में रोज देखे जा सकते हैं। पुलिस अस्पताल के खुले मैदान में पढ़े-लिखे बेरोजगारों का यह मेला इस वक्त चल रही होमगार्ड भर्ती के बीच देखने को मिल रहा है, जिसमें 292 पदों के सापेक्ष 2800 युवाओं ने आवेदन किया। इनमें से शुरुआती जांच बाद 1400 को चयन से जुड़े परीक्षण के लिए हरी झंडी मिली है। बेरोजगारी की बड़ी मार ने जहां नौकरी की सहज उपलब्धता का सपना चूर कर दिया है, वहीं निजी सहयोग से बढ़े प्रोफेशनल व टेक्नीकल डिग्री देने वाले इंस्टीट्यूट की भरमार ने कभी बड़े जॉब का पर्याय मानी जाने वाली बी-टेक, एमबीए जैसी डिग्रियों का कद छोटा कर दिया है। नौकरी के लिए दर-दर भटकने वाले युवाओं की होमगार्ड भर्ती के लिए लगी कतार में मौजूदगी इसकी मिसाल है। मोटी पगार और सुविधाओं के पैकेज का सपना छोड़ कई युवा बड़ी डिग्री के साथ छोटे जॉब के लिए हाथ फैलाए नजर आ रहे हैं। मुरादाबाद में पुलिस अस्पताल के ग्राउंड पर जारी भर्ती प्रक्रिया में शुरुआती परीक्षण के बाद नापजोख को छांटे गए युवाओं में डेढ़ सौ से ज्यादा ऐसे हैं जो इंजीनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल डिग्री अथवा पोस्ट ग्रेजुएशन किए हुए हैं, जबकि होमगार्ड बनने के लिए सिर्फ हाईस्कूल पास होना ही काफी है। इनमें शामिल जिले के भगतपुर ब्लाक निवासी प्रदीप सिंह ने बताया कि पांच साल पहले एमबीए करने के बाद एक निजी बैंक में जॉब मिला लेकिन बैंकिंग की स्पर्धा में उनके द्वारा दिया टारगेट हासिल करना संभव नहीं हुआ और नौकरी गंवानी पड़ी। दो साल से खाली रहने के कारण अब मजबूरी में होमगार्ड की रिक्तियां देख जॉब के लिए इधर कदम बढ़ाया है। इसी तरह की निराशा भरी करियर की तस्वीर सम्भल के हल्लू सराय निवासी दीपक गौड़ ने रखी। बोले-तीन साल पहले बीटेक किया, कई इंटरव्यू फेस किए लेकिन जॉब नहीं मिली। नौकरी की उम्मीद में होमगार्ड बनने की कतार में लग गए हैं। असमोली ब्लाक निवासी शेखर कुमार ने दो साल पहले हिंदू कालेज से एसएससी किया। बताते हैं कि घर के हालात के कारण 12वीं पास करते ही नौकरी की कोशिश शुरू कर दी लेकिन बात नहीं बनी। जगह-जगह से मिली नाउम्मीदी के बीच अब होमगार्ड भर्ती से उम्मीद लगाई है(तेजप्रकाश,दैनिक जागरण,मुरादाबाद,28.1.11)।
achha yesa bhi hota hai
जवाब देंहटाएंmain bhi b.tech hi kar rahi hu
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hi hi