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02 जनवरी 2011

पंजाबःकेंद्रीय अनुदान की खातिर अपात्रों को ईटीटी में दाखिला

पंजाब के शिक्षा विभाग के कामकाज का तरीका देखना और जानना हो तो एलेमेंट्री टीचर्स ट्रेनिंग (ईटीटी) के लिए चयनित अध्यापकों की सूची देख लें। विभाग ने बरसों से शिक्षा विभाग में एआइआइ (आल्टरनेटिव इनोवेटिव एजूकेशन) के तहत चलाए जा रहे स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को प्रशिक्षण के योग्य नहीं माना। वहीं, एआइआइ में कुछ दिन और महीने नौकरी करने वालों को शर्ते पूरी न करने के बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से ईटीटी प्रशिक्षण का तोहफा दे डाला है। विभाग ने ऐसा सिर्फ इसलिए किया कि कहीं केंद्र सरकार से सेंटरों को मिलने वाला अनुदान बंद न कर दिया जाये। पंजाब सरकार ने एआइआइ सेंटर में बच्चों को पढ़ा रहे अध्यापकों को प्रशिक्षित करवाने के लिए 825 के करीब ईटीटी कोर्स में दाखिले के लिए सीटें आरक्षित की थीं। सरकारी नीति के मुताबिक जिन वालंटियर्स को 31 मार्च 2010 तक एआइआइ सेंटर में पढ़ाने का अनुभव है, उन्हें 2010-2012 की बची हुई ईटीटी दाखिले की सीटों पर दाखिला दिया जाना था। इसके लिए जिले में 55.5 प्रतिशत मेरिट निकाली गई। वालंटियर्स का आरोप है कि मेरिट को पूरा करने वाले वालंटियर्स को दाखिला नहीं दिया गया है जबकि महज कुछ ही दिनों तक सेंटर चलाने वाले वालंटियर को दाखिले में सीटें दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा विभाग ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य में चल रहे एआइआइ सेंटरों को मिलने वाले केंद्रीय अनुदान के बंद होने के डर से इन सेंटरों के नियुक्त अध्यापकों (वालंटियर्स) के भविष्य की बलि लेने का मन बनाया है। ईटीटी कोर्स के लिए इन वालंटियर्स के लिए सीटें आरक्षित की गई थीं परंतु मेरिट को नजरअंदाज कर अपात्रों को सीटें दे दी गईं। ऐसा इसलिए किया गया है कि ईटीटी कोर्स में दाखिला मिलने से इन वालंटियर्स द्वारा चलाए जा रहे सेंटर बंद हो जाएंगे, जिससे केंद्रीय अनुदान बंद होने की नौबत आ सकती है। राज्य में मौजूदा समय में 1700 के करीब सेंटर चल रहे हैं। इन्हें चला रहीं अधिकतर लड़कियां गरीब परिवारों से हैं। खास बात तो यह भी है कि इस दाखिले के लिए सेशन को भी लेट किया गया है लेकिन फिर भी तजुर्बेकार अध्यापकों को इस दाखिले में सीट नहीं दी गई है। नियमों को ताक पर रख कर मात्र 27 दिन व 19 दिन का तजुर्बा रखने वाले वालंटियर को भी दाखिला दे दिया गया है। इस बारे में बात करने पर एससीईआरटी के निदेशक अवतार सिंह ने कहा, वह जांच करवाएंगे। मेरिट को नजरंदाज नहीं होने दिया जाएगा(दविन्दर सिंह व कमल किशोर,दैनिक जागरण,जालंधर,राष्ट्रीय संस्करण,2.1.11)।

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