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02 जनवरी 2011

कोचिंग-प्राइवेट ट्यूशन नहीं कर पायेंगे यूपी के विवि शिक्षक

उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के शिक्षक अब कोचिंग व प्राइवेट ट्यूशन नहीं कर पायेंगे। हर विवि को शिक्षकों के लिए आचरण नियमावली बनानी होगी। विवि व डिग्री कालेजों में न्यूनतम 180 कार्यदिवस जरूरी होंगे। उन्हें एक हफ्ते में छह दिनों के 30 सप्ताहों का वास्तविक शिक्षण करना होगा। शेष अवधि में से 12 सप्ताह प्रवेश, परीक्षा क्रियाकलाप, सह- पाठ्येत्तर खेलकूद, कालेज दिवस, आदि के लिए होगा। इस संबंध में शासनादेश जारी होने के बाद विवि को इन प्रावधानों को अपनी परिनियमावलियों में शामिल करना होगा। शासन ने विवि व महाविद्यालयों में शिक्षकों व अन्य अकादमिक स्टाफ की नियुक्ति की न्यूनतम अर्हता तथा उच्च शिक्षा में मानदंडों से संबंधित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के विनियमन 2010 को लागू करने का फैसला किया है। शासनादेश के मुताबिक विश्वविद्यालयों की महिला शिक्षकों के लिए पूर्ण वेतन के साथ मातृत्व अवकाश की अवधि 135 से बढ़ाकर 180 दिन कर दी गई है। महिला शिक्षकों के लिए संपूर्ण सेवाकाल के दौरान 730 दिनों का बाल्य देखभाल अवकाश स्वीकृत किया गया है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लिए अनुमन्य ड्यूटी अवकाश को 15 से बढ़ाकर 30 दिन किया गया है। आकस्मिक अवकाश को 14 से घटाकर आठ दिन कर दिया गया है। विशेष आकस्मिक अवकाश का नया प्रावधान किया गया है जो साल में 10 दिनों से अधिक न होगा। शासनादेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति यूजीसी के विनियमन 2010 के मुताबिक हो। वहीं महाविद्यालयों के शिक्षकों व प्राचार्यों के बारे में चयन प्रक्रिया पूर्ववत रहेगी। शिक्षकों के कैरियर एडवान्समेंट और उसके तहत पदोन्नति के लिए पूर्व सेवाओं की गणना विनियमन 2010 के अनुसार और उसके लागू होने की तिथि से प्रभावी होंगे(दैनिक जागरण,लखनऊ,राष्ट्रीय संस्करण,2.11.2010)।

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