प्रदेश में सरकारी नौकरियों में योग्यता ही भर्ती की एकमात्र कसौटी हो, इसके लिए प्रदेश सरकार से शिद्दत से जद्दोजहद कर रही है। इसके तहत अब भर्ती प्रक्रिया को ऐसा बनाया जा रहा है कि लिखित परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवार मेरिट के मुताबिक स्वत: चयनित हो जाएंगे। ऐसा होने से सिफारिश के आधार पर भर्ती होने वाले अक्षम लोग अब सरकारी सेवाओं में नहीं आ पाएंगे। इससे भर्ती के नाम पर होने वाली लूट पर भी अंकुश लगेगा।
प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके लिए रूपरेखा तैयार हो चुकी है। मुख्यमंत्री हुड्डा ने भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाने की मंजूरी दे दी है। इसका मकसद पारदर्शिता व योग्य उम्मीदवारों को चयनित करना है। इसके तहत अलग अलग क्षेत्रों में भर्ती के लिए साल में एक ही तारीख को एक परीक्षा होगी।
बार-बार एक पद के लिए एप्लाई नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल सरकार ने जिला उपायुक्तों और अन्य शीर्ष अधिकारियों को पत्र भेज कर इस पर अपनी राय मांगी है। उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में इस प्रस्ताव पर मोहर लगा दी जाएगी।
हरियाणा सिविल सर्विसेज की परीक्षा के साथ अन्य परीक्षाओं को भी क्रम में बांटा जा रहा है। जैसे हरियाणा कृषि सेवाएं में उप कृषि निदेशक से लेकर नीचे के अफसरों तक के लिए एक बार परीक्षा का प्रस्ताव है। जिसमें सफल उम्मीदवारों का मैरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। इसी तरह विधिक सेवाओं में जज से लेकर लीगल एडवाइजर व लॉ आफिसर नियुक्ति होंगे।
इंजीनियरिंग सेवाओं के लिए एक्सईएनसे लेकर एईएन तक जेई भर्ती का अधिकार कर्मचारी चयन आयोग को दिया जा रहा है। इस तरह अन्य कैटेगिरी पर भी विचार चल रहा है। कनिष्ठ अभियंता परीक्षा साल में एक बार होगी। ऐसे ही अन्य परीक्षाओं के खाके पाइप लाइन में है। सभी निगमों,बोर्ड व कॉरपोरेशनों में भी एक ही क्वालीफिकेशन की संयुक्त परीक्षा होगी। फिर सफल उम्मीदवारों का मेरिट के आधार पर चयन होगा। अब तक ऐसा अलग अलग होता रहा है।
पहले क्या होता था
कोई भी विभाग अपनी यहां पदों की कमी का ब्योरा देकर साल में कितनी ही बार वैकेंसी निकाल देता था। साथ ही एक ही वेकेंसी में विभिन्न पद होते थे। अगर दो पद होते तो भी बेरोजगारों को धक्के खाने पड़ते थे।
क्या होगा लाभ
उम्मीदवार को पता रहेगा कि जिस परीक्षा में उसको बैठना है,कब होगी। वह तैयारी कर सकता है। निश्चित समय पर परीक्षा,साक्षात्कार एवं परिणाम का समय तय होगा। अब तक शिकायत रहती थी कि फार्म भरने के बावजूद कॉल लेटर नहीं पहुंचा(प्रमोद वशिष्ठ,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,14.1.11)।
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