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08 जनवरी 2011

मध्यप्रदेशःनिजी मेडिकल कॉलेज के कोटे में कटौती

प्रायवेट मेडीकल कालेज अब पीजी पाठ्यक्रमों की पचास फीसदी सीटों में भी खुद प्रवेश नहीं दे सकेंगे। उनके पास केवल एनआरआई कोटे की 15 फीसदी सीटें रहेंगी। मेडीकल और डेंटल की सभी 85 फीसदी सीटों पर अब व्यावसायिक परीक्षा मंडल के प्रीपीजी टेस्ट से ही प्रवेश दिया जाएगा। कालेजों को जोर का झटका देते हुए राज्य शासन ने आदेश भी जारी कर दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को ही आदेश जारी किया है। इसके तहत पीजी पाठ्यक्रमों के लिए डीमेट की व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी गई है। अब कालेज कोटे की 35 फीसदी सीटों पर भी व्यापमं की परीक्षा और विभाग द्वारा कराई जाने वाली काउंसलिंग के जरिए ही प्रवेश दिए जाएंगे। अपनी इस व्यवस्था को कानूनी रूप देते हुए शासन ने मध्यप्रदेश निजी मेडीकल एंड डेंटल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस एंट्रेंस एक्जामिनेशन नियम -2011 भी अधिसूचित कर दिया है। जानकारी के अनुसार अभी तक पचास फीसदी सीटों पर व्यापमं की प्रीपीजी से प्रवेश दिया जाता था। शेष पचास में से एनआरआई कोटे की 15 फीसदी सीटों पर कालेज प्रबंधन द्वारा सीधे प्रवेश दिए जाते थे। जबकि 35 फीसदी सीटों पर डीमेट की मेरिट पर एसोसिएशन ऑफ प्रायवेट डेंटल एवं मेडीकल कालेज (एपीडीएमसी) द्वारा प्रवेश दिए जाते थे। वहीं वर्ष 2008 तक एपीडीएमसी द्वारा मणिपाल यूनिवर्सटी के माध्यम से प्रवेश दिया जाता था। लगातार शिकायतें मिलने पर राज्य शासन ने वर्ष 2008 में प्राइवेट मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों के पीजी कोर्स में काउंसिलिंग के माध्यम से भरने के आदेश जारी किए थे। जिस पर एपीडीएमसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य शासन के आदेश पर आपत्ति जाहिर की थी लेकिन हाईकोर्ट ने राज्य शासन के आदेश को जायज मानते हुए एपीडीएमसी का याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती देते हुए एपीडीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निर्णय होने तक तत्कालिक व्यवस्था देते हुए 50-50 प्रतिशत सीटें दोनों को देने का निर्णय लिया। इस निर्णय के आधार पर 2009 और 2010 में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिया गया। इसके बाद भी राज्य शासन के पास प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संचालकों द्वारा प्रवेश में की जा रही अनियमितता की शिकायतें आती रहीं। जिस पर राज्य शासन ने एपीडीएमसी को व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए। जवाब में एपीडीएमसी ने राज्य शासन को 17 दिसंबर को एक पत्र लिखा था, जिस पर राज्य शासन ने प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश में पारदर्शिता लाने के लिए 15 प्रतिशत एनआरआई कोटा छोड़कर शेष सीटों का प्रवेश व्यापमं के माध्यम से करने के आदेश जारी कर दिए हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,8.1.11)।

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