आमतौर पर परीक्षार्थियों को परीक्षा से पूर्व अनुक्रमांक आवंटित होते हैं। यह अनुक्रमांक कम से कम परीक्षा के बाद तो कभी नहीं बदलते। परन्तु संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ऐसा नहीं है। यहां परीक्षा परिणाम (रेजल्ट) में छात्रों के अनुक्रमांक बदल दिए गए। मजे की बात यह है कि नए अनुक्रमांक के साथ परिणाम भी घोषित कर दिया गया पर छात्रों को इसकी सूचना तक नहीं दी गई। वाराणसी ही नहीं, प्रदेश भर में फैले संस्कृत महाविद्यालयों के छात्र अब परीक्षा परिणाम में अपना अनुक्रमांक (रोल नंबर) ढूंढ़ रहे हैं।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की शास्त्री व आचार्य की वर्ष 2010 की परीक्षा में इस बार काफी गड़बड़ियां हुईं थीं। परीक्षा की तैयारी में लगाई गई संस्था के चलते अधिकांश परीक्षार्थियों को रोल नंबर आवंटित ही नहीं हो सके थे। विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में इसके चलते वैकल्पिक रोल नंबर आवंटित कर परीक्षा कराई गई थी। इसकी जानकारी विवि को भी दे दी गई थी। विवि ने लंबे इंतजार के बाद हाल ही में आचार्य द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित किया है। इसमें सारे नंबर बदले हुए थे। परिणाम जारी होने के बाद छात्र इसमें अपना रोल नंबर ढूंढ़ते ही रह गए। दो ही दिन में विवि में शिकायतों का अंबार लग गया। परीक्षा परिणाम में पुराने अनुक्रमांक का कोई उल्लेख ही नही है। इसके कारण परीक्षार्थीं यह जान ही नहीं पा रहे कि वह फेल हैं या पास। यह सिर्फ एक ही परिणाम का नजारा है। अभी कई परीक्षाओं के परिणाम आने बाकी हैं। विवि के अधिकारियों का कहना है कि यह नए रोल नंबर नहीं है वरन वह रोल नंबर हैं जो छात्रों को परीक्षा के पूर्व विवि की ओर से आंवटित हुए थे। यह अलग बात है कि इन नंबरों का वितरण सही तरीके से न हो पाने के चलते छात्रों को इनकी जानकारी नहीं हो सकी और उन्हें वैकल्पिक नंबरों के सहारे ही परीक्षा देनी पड़ी।
छात्र नामावली तैयार
उपकुसलचिव (परीक्षा) महेंद्र कुमार का कहना है कि छात्रों को हो रही असुविधा को देखते हुए छात्र नामावली तैयार की जा रही है। इसमें पुराना वैकल्पिक अनुक्रमांक, विवि द्वारा आवंटित वास्तविक अनुक्रमांक, कक्षा, परीक्षा, छात्र, पिता का नाम, माता का नाम आदि का ब्यौरा दिया जा रहा है। संबद्ध कॉलेजों को यह छात्र नामावली भेजी जा रही है ताकि उनके छात्र अपना परिणाम देख सकें।
कॉलेजों से मिलेगा अंकपत्र
शास्त्री-आचार्य के संस्थागत छात्रों का परिणाम उनके कॉलेजों से मिलेगा। विवि प्रशासन आचार्य द्वितीय वर्ष का अंकपत्र संबंधित कॉलेजों को प्रेषित कर रहा है। यह जानकारी परीक्षाधिकारी महेंद्र कुमार ने दी है।
(दैनिक जागरण,वाराणसी,8.1.11)
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