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23 जनवरी 2011

मध्यप्रदेशःएमबीए और एमसीए के प्रवेश नियमों में बदलाव

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा एमबीए-एमसीए की प्रवेश परीक्षा के नियम बदलने के बाद व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने शनिवार को प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की शैक्षणिक योग्यताओं में तब्दीलियां की हैं। अब सामान्य वर्ग के लिए परीक्षा में 50 फीसदी,एसटी-एससी और ओबीसी के लिए 45 फीसदी अंक होना अनिवार्य कर दिया है।

एमसीए परीक्षा के लिए न्यूनतम अर्हकारी अंक सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी और एसटी-एससी व ओबीसी के लिए 45 फीसदी कर दिए हैं। 12वीं में गणित विषय होना जरूरी होगा।

परीक्षा की तारीख बदली: पहले प्रवेश परीक्षा 6 फरवरी को होनी थी। अब ये परीक्षा 6 मार्च को होगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 24 जनवरी से 5 फरवरी तक किए जा सकेंगे।

बीएचआरसी नहीं,मिक्स्ड कोर्स बनाओ

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से बैचलर ऑफ रूरल हेल्थ (बीएचआरसी) कोर्स शुरू न करने की मांग की है। एसोसिएशन का तर्क है कि तीन साल के बीएचआरसी कोर्स से ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी तो पूरी हो जाएगी, लेकिन मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सरकार एक, दो या तीन वर्षीय मिक्स्ड कोर्स बनाए। इसमें सभी चिकित्सा पद्धतियों को पाठच्यक्रम में शामिल किया जाए। 

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.संजय कुमार ने बताया कि एमबीबीएस के समान कोर्स करने से डिग्री तो मिल जाएगी, लेकिन मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों की चिकित्सा सेवाएं सुधारने के लिए केंद्र सरकार आयुर्वेदिक,होम्योपैथी,यूनानी और एलौपेथिक चिकित्सा पद्धति का मिक्सड कोर्स तैयार करे। वहीं,दूसरी ओर एसोसिएशन के सचिव डॉ.उमेश शारदा ने डॉक्टरों को विश्वास में लिए बिना क्लीनिकल इस्टेबिलशमेंट एक्ट तैयार करने का विरोध किया। डॉ.शारदा ने बताया कि प्रदेश में नर्सिग होम एक्ट लागू है। 

इस एक्ट को बनाने से पहले राज्य सरकार ने डॉक्टरों से चर्चा की थी। एसोसिएशन एक्ट का समर्थन करता है, लेकिन सरकार एक्ट में किए गए प्रावधानों की जानकारी विभिन्न राज्यों के डॉक्टर्स एसोसिएशन को दे,ताकि डॉक्टर्स केंद्र को एक्ट की खामियां बता सकें। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार से एक साल पहले भंग की गई मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पुनर्गठन की मांग की है(दैनिक भास्कर,भोपाल,23.1.11)।

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