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26 जनवरी 2011

बोर्ड परीक्षा के लिए राजनीति विज्ञान की तैयारीःटू दि पॉइंट लिखें

आम धारणा है कि राजनीति विज्ञान जैसे कला विषयों में अच्छे अंक नहीं मिल पाते, जबकि राजनीति विज्ञान एक्सपर्ट का मानना है कि सही प्रिपरेशन स्ट्रेटजी अप्लाई की जाए तो इस विषय में शत-प्रतिशत अंक हासिल किए जा सकते हैं। राजनीति विज्ञान जैसे विषयों में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कुछ विशेष बातों पर ध्यान देना चाहिए।

कैसे करें तैयारी
उन अध्यायों को पहले तैयार करें, जो अधिक अंक के हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि आजकल राजनीति विज्ञान में करंट अफेयर्स से संबंधित प्रश्न अधिक पूछे जाते हैं, इसलिए छात्रों को प्रतिदिन न्यूज पेपर्स, टीवी एवं समय-समय पर होने वाले राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों व घटनाक्रम से अवगत रहना चाहिए। तैयारी ब्लूप्रिंट के मुताबिक करें अर्थात् किस अध्याय से कितने अंक का प्रश्न आता है। इसके अतिरिक्त आपातकाल, कांग्रेस प्रणाली, राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां, सामाजिक आंदोलन जैसे विषयों पर 6 अंक के प्रश्न अवश्य तैयार करें। जो विद्यार्थी लिखने का बार-बार अभ्यास करते हैं, वे अच्छे अंक प्राप्त कर लेते हैं। पिछले वर्षो के प्रश्नपत्र जरूर तैयार करें।

महत्त्वपूर्ण विषय
आज हम वैश्वीकरण के युग में रह रहे हैं और 12वीं कक्षा के राजनीति विज्ञान के विषय को भी समकालीन विश्व राजनीति तथा स्वतंत्र भारत में राजनीति के दो भागों में बांटा गया है। प्रत्येक विद्यार्थी के लिए दोनों का अध्ययन जरूरी है। विश्व राजनीति में शाक् थेरेपी, अमेरिकी वर्चस्व, सत्ता के वैकल्पिक केंद्र, समकालीन दक्षिण एशिया विषय में से सबसे अधिक अंक के प्रश्न आने की संभावना है। राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां, कांग्रेस प्रणाली, भारत के विदेशी संबंध पर प्रश्न अवश्य तैयार करें।


भारत की विदेश नीतियां और चुनौतियां, रूस, अमेरिका व पाकिस्तान जैसे अन्य देशों के साथ संबंध जैसे पाठों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। विदेश नीति और यूएनओ से संबंधित विषयों को अच्छे से तैयार कर लें।

सुन्दर एवं सटीक प्रेजेंटेशन आपको पूरे अंक दिलवाएगा। जहां तक संभव हो, उत्तर में कही गई महत्त्वपूर्ण बातों को रेखांकित भी कर दें।

शॉर्टकट तरीका
जनीति विज्ञान को दोहराने के लिए अभी भी विद्यार्थियों के पास काफी समय है। अगर वह ध्यानपूर्वक टीचर्स द्वारा बताए महत्त्वपूर्ण अध्यायों को पढ़ लें और लिख-लिख कर देखें तो सफलता अवश्य प्राप्त कर सकते हैं।

परीक्षा के समय खास बातें
पेपर मिलते ही प्रश्नपत्र को ढंग से पढ़ें। पढ़ कर ही उनका जवाब दें। उत्तरों में संबंधित उदाहरण व कोटेशंस को भी लिख कर रेखांकित करें। शीर्षकों को मोटा-मोटा लिखें। साफ व स्पष्ट लिखने के साथ शब्द सीमा का ख्याल भी रखें। परीक्षा में पेज भरने से नहीं, टू दि पॉइंट लिखने से अंक मिलते हैं, इसलिए आपको जितना आता है, उसे ही ठीक से लिखें। मुख्य बिंदुओं और शीर्षक को मोटा लिखें या रेखांकित कर दें। कहानी लिखने से नंबर नहीं मिलते, इसलिए थोड़ा लिखें, पर ठीक लिखें।

दरअसल राजनीति विज्ञान के प्रश्नपत्र में चार तरह के प्रश्न होते हैं। एक अंक के दस प्रश्न, जिनका उत्तर एक-दो लाइनों में सटीक रूप से दिया जाना चाहिए। 2 अंकों के दस प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर 50 शब्दों से ज्यादा नहीं हो, जबकि 4 अंकों के दस प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर 100 से 125 शब्दों के बीच दिया जाना चाहिए। 6 अंकों के 5 प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर 150 से 200 शब्दों के बीच होना चाहिए। इन प्रश्नों के उत्तर में साइड पॉइंट्स को अवश्य रेखांकित करें। ऐसे प्रश्नों को पैराग्राफ बना कर लिखें। 
प्रश्नों के लिए समय बांट लें। बहुत छोटे उत्तर के लिए दो मिनट, छोटे उत्तर के लिए 5 मिनट व लॉन्ग आन्सर के लिए 10 से 15 मिनट निर्धारित हों। उत्तरों को अनायास लंबा न खींचे। कुछ समय अपने उत्तरों की जांच के लिए अवश्य रखें।

इन महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दें
प्रश्न को पूरी तरह समझे बिना उत्तर लिखना शुरू न करें।
उत्तर अनावश्यक रूप से लंबा न खीचें।
उत्तर लिखते समय भूमिका न बांधें।
रोजाना लिखने का अभ्यास करें।
प्रश्नपत्र का जो भाग अच्छी तरह याद है, उसे पहले करें।
मेन पॉइंट्स को जरूर अंडरलाइन करें।
सही-सही तथ्यों का उल्लेख करें, अन्यथा छोड़ दें।
किसी व्यक्ति या विशेष जगह का उल्लेख करते समय सही तिथि लिखें, अन्यथा छोड़ दें।
(दर्शना कुमारी से बातचीत पर आधारित अशोक की प्रस्तुति,हिंदुस्तान,दिल्ली,25.1.11)

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