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31 जनवरी 2011

झारखंडःगैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त होंगे शिक्षक

शिक्षकों को जल्द ही गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त किया जाएगा। शिक्षा अधिकार कानून को लागू करने में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया जाएगा। शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा। उन्हें मध्याह्न भोजन एवं भवन निर्माण जैसे कार्यों से भी मुक्त किया जाएगा। उक्त बातें मानव संसाधन विकास मंत्री वैद्यनाथ राम ने कहीं। वे रविवार को धुर्वा स्थित राजेंद्र भवन परिसर में प्राथमिक शिक्षकों की कार्यशाला में बोल रहे थे।


अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षा के अधिकार अधिनियम : प्रतिबद्धताएं और चुनौतियों पर आयोजित कार्यशाला में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एए खान, अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक महासंघ के महासचिव नवल किशोर प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया।

कार्यशाला में जो बातें उभरीं

शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ में बच्चों को नहीं मिली पुस्तकें
क्वालिटी एजुकेशन के लिए शिक्षकों से सिर्फ अध्यापन कार्य कराएं
शिक्षकों को मध्याह्न् भोजन, भवन निर्माण सहित गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखें
विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं बेंच, डेस्क, बिजली और कंप्यूटर की समुचित व्यवस्था हो
छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 होना चाहिए
शिक्षकों का वेतन भुगतान और उनकी प्रोन्नति समय पर हो
किसी भी कार्य के लिए उन्हें कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े, ऐसी व्यवस्था हो
झारखंडी एवं स्थानीय संस्कृति पर आधारित बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए पाठच्यक्रम तैयार हों(दैनिक भास्कर,रांची,31.1.11)

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