एचपी यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में पढ़ रहे करीब 40 हजार छात्रों के लिए दाखिला लेने और प्रतियोगी परीक्षाएं देने में रिजल्ट का अड़ंगा पड़ गया है। इसके चलते भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। रिजल्ट आउट होने के निर्धारित समय के दो माह बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय कंपार्टमेंट और पुनमरूल्यांकन का रिजल्ट आउट करने में नाकाम रहा है।
जनवरी का पहला हफ्ता बीतने जा रहा है, लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से सिंतबर—अक्टूबर में ली गई कंपार्टमेंट परीक्षा का रिजल्ट अभी तक आउट नहीं हुआ। साथ ही पुनर्मूल्यांकन का परिणाम भी नहीं निकला है। दर्जनों छात्र रोज रिजल्ट पता करने यूनिवर्सिटी पहुंच रहे हैं। मार्च में कॉलेजों की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही है, लेकिन पिछली कक्षाओं में कंपार्टमेंट के चलते ये छात्र यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वार्षिक परीक्षाओं के लिए पढ़ाई करें या पिछली कक्षा की कंपार्टमेंट के लिए तैयारी करे। विश्वविद्यालय की लापरवाही के चलते प्रदेश के ऐसे करीब 40 हजार छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।
कर्मियों की कमी के चलते नहीं आ रहा रिजल्ट
बीए, बीएससी और बीकॉम कक्षाओं के छात्र जिनकी पिछले साल किसी विषय में कंपार्टमेंट आई थी, उन्होंने सितंबर-अक्टूबर में कंपार्टमेंट परीक्षा दी थी। साथ ही कुछ छात्रों ने पुनमरूल्यांकन के लिए भी आवेदन भरे थे। सामान्यत: नवंबर में रिजल्ट आउट हो जाते हैं, लेकिन इस बार दो माह बीत जाने पर भी रिजल्ट आउट होने के कोई आसार नहीं लग रहे। वहीं, विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की कमी के चलते भी रिजल्ट में देरी हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि परीक्षा भवन और दूसरे विभागों में कर्मचारियों की कमी है और सुविधाओं का अभाव है(अशोक चौहान,दैनिक भास्कर,शिमला,5.1.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।