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06 जनवरी 2011

यूपीःबेरोजगारों के सपनों पर ठगों का मकड़जाल

देखिये, सपने कैसे ठगे जाते हैं। ग्राम मिर्जापुर, बाराबंकी निवासी सूर्यप्रकाश एक पैर से विकलांग हैं। इन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने का सपना संजोया। बीएड किया लेकिन काफी संघर्ष के बाद भी नौकरी नहीं मिली। इनका संघर्ष जारी रहा। इसी बीच सूर्यप्रकाश की मुलाकात अफजाल से हुई। अफजाल ने सूर्यप्रकाश को लोहिया अस्पताल में नौकरी दिलाने का वादा किया। सूर्यप्रकाश को लगा कि उनका संघर्ष अब समाप्त होने वाला है। वह अफजाल की बातों में आ गए। फार्म और अन्य औपचारिकताएं पूरी कीं। कॉललेटर घर पहुंचा तो लगा मानों सूर्य प्रकाश के सपनों को पंख लगने ही वाले हैं लेकिन असलियत जल्द ही सामने आ गयी। पड़ताल की गयी तो पता चला कि उनका कॉल लेटर फर्जी है। लोहिया अस्पताल में तो ऐसी कोई भर्ती हो ही नहीं रही। सूर्य प्रकाश खुशनसीब थे कि काम करवाने की एवज में अफजाल द्वारा मांगे जा रहे 50 हजार रुपये उन्होंने नहीं दिए थे।

यह केवल एक सूर्य प्रकाश की ही दास्तां नहीं। हजारों बेरोजगार युवक रोजाना ऐसे ही ठगे जा रहे हैं। सरकारी कार्यालय, कचहरी और तहसील प्रमाणपत्र बनवाने आने वाले बेरोजगारों को ठग अपना निशाना बना रहे हैं। सूर्यप्रकाश की भी अफजाल से मुलाकात कचहरी बाराबंकी परिसर में हुई थी। खुद को पुलिस में दीवान बताने वाले अफजाल ने सूर्य प्रकाश को लोहिया अस्पताल में वार्ड ब्वाय की नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया। इसके लिए सूर्य प्रकाश से एक फर्जी फार्म भरवाया गया जिसमें उसकी मार्कशीट की प्रतिलिपि भी लगवाई गयी। सूर्य प्रकाश अफजाल की चाल भांप नहीं पाया। हमारे बाराबंकी कार्यालय के मुताबिक कुछ दिन बाद अफजाल ने सूर्य प्रकाश से नौकरी के लिए 50 हजार रुपयों की मांग की। अफजाल ने कहा कि इन रुपयों की एवज में वह साक्षात्कार के प्रश्न भी पहले से ही बता देगा। गत दिसंबर में सूर्यप्रकाश को गोमतीनगर स्थित राम लोहिया अस्पताल का कॉललेटर मिला। इसमें 20 जनवरी को साक्षात्कार का जिक्र था। इसी बीच अफजाल सूर्य प्रकाश पर रुपये देने का दबाव डाल रहा था। संदेह होने पर सूर्यप्रकाश ने 'दैनिक जागरण' से शिकायत की। 'जागरण' ने पड़ताल की तो सच सामने आ गया। पता चला कि अस्पताल में कोई भर्ती ही नहीं हो रही है। इस प्रकार एक बेराजगार ठगों की चंगुल में आने से बच गया। सूत्रों के मुताबिक ऐसे ही पत्र लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, सुल्तानपुर आदि जिलों के बेरोजगारों को भी भेजे गए हैं। लोहिया अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी महकमों के नाम फर्जी कॉल लेटर व नियुक्ति पत्र तैयार कर ठगों का गिरोह हजारों बेरोजगारों को अपना निशाना बना रहा है।

क्या कहते हैं मुख्य चिकित्साधीक्षक
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरएस दुबे के मुताबिक अस्पताल में कोई नियुक्ति नहीं होनी है और न ही उनके यहां से किसी को कॉल लेटर भेजा गया है। यह प्रकरण बेहद गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी(आलोक मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,6.1.11)।

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