परीक्षा का तनाव कम करने और दसवीं कक्षा के नतीजों के महत्व को कायम रखने के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अनोखी तरकीब निकाली है। बोर्ड की ओर से दसवीं में लागू नई व्यवस्था के तहत समग्र सतत मूल्यांकन प्रणाली (सीसीई) के तहत परीक्षा देने वाले छात्र भले ही परीक्षा स्कूल में दे, लेकिन परिणाम बोर्ड ही जारी करेगा।
इस व्यवस्था में दोनों ही परीक्षाओं के लिए एक यूनिफॉर्म सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, ताकि बच्चों के मन में उन्हें मिले सफलता के प्रमाणपत्र में भिन्नता की भावना पैदा न हो।
अपनी इस कोशिश के तहत सीबीएसई ने सभी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे परीक्षा का आयोजन करने के बावजूद किसी भी सूरत में परीक्षा के ग्रेड की जानकारी बच्चों को न दें।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक एमसी शर्मा के मुताबिक स्कूलों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह दिशा-निर्देश सीसीई के तहत नौंवी व दसवीं के लिए होने वाली समेटिव परीक्षा-2 के लिए जारी किए गए हैं। इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल नौंवी की परीक्षा का आयोजन मार्च के पहले सप्ताह में करें तो वहीं दसवीं की परीक्षा मार्च के दूसरे सप्ताह में कराएं।
उल्लेखनीय है कि बोर्ड की और से ली जाने वाली दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं मार्च के पहले सप्ताह में ही शुरू हो रही हैं। इसके अलावा, स्कूलों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने शहरके मुताबिक नौंवी व दसवीं की डेटशीट का निर्धारण कर सकते हैं।
यानि, देशभर में इन स्कूलों की कॉमन डेटशीट नहीं होगी। स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वह दसवीं की अंग्रेजी कम्यूनिकेशन, लैग्वेंज एंड लिटरेचर व साइंस की परीक्षा का आयोजन 23 मार्च के बाद ही करें। स्कूली स्तर पर परीक्षाओं के आयोजन के लिए बोर्ड ने कहा कि है स्कूलों को नौंवी के लिए बोर्ड के पैटर्न पर डिजाइन प्रश्नपत्रों की सीडी 20 फरवरी तक स्कूलों को पहुंचा दी जाएगी।
वहीं दसवीं के लिए यह सीडी स्कूलों में 7 मार्च तक पहुंचा दी जाएगी। स्कूल चाहें तो इस सीडी में से एक प्रश्नपत्र का चयन कर सकते हैं या फिर सभी प्रश्न पत्रों के आधार पर मिक्स एंड मैच पेपर तैयार किए जा सकते हैं। इसके अलावा स्कूल सीबीएसई की वेबसाइट पर मौजूद सैंपल पेपर के आधार पर भी अपने लिए प्रश्न पत्र तैयार कर सकते हैं।
(दैनिक भास्कर,दिल्ली,20.1.11)
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