तीन साल पहले पीजीआई में एमबीबीएस शुरू करने का प्रस्ताव अब भी अधर में हैं। क्योंकि पीजीआई के पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है। १७ जनवरी को चंडीगढ़ में होने वाली अकादमिक कमेटी की बैठक में इस मुद्दे को रखकर कोर्स शुरू होने में आने वाली समस्याओं के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को बताया जाएगा।
पीजीआई में पहली बार इंस्टीट्यूट बॉडी, गवर्निंग बॉडी और एकेडमिक बॉडी की बैठकें होने जा रही है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद करेंगे। एकेडमिक कमेटी की बैठक में आरक्षण के तहत बढ़ने वाले फैकल्टी स्टाफ एवं इंफ्रास्टक्चर का भी मुद्दा रखा जाएगा। वहीं पीजीआई में कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने एमबीबीएस कोर्स शुरू करने के लिए जानकारी मांगी थी। इसके बाद पीजीआई प्रशासन ने करीब दो साल पहले इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के बारे में केंद्र सरकार को बता दिया। यह कमी अब भी है। इसलिए एमबीबीएस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को इस बारे में बताया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि एमबीबीएस कोर्स शुरू करने के लिए उनके पास पर्याप्त फैकल्टी, नई बिल्डिंग की आवश्यकता है। ऐसे में कोर्स अभी कम से कम तीन साल शुरू करना मुश्किल होगा(अमर उजाला,चंडीगढ़,12.1.11)।
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