छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए सीबीएसई की ओर से शनिवार को पहली बार स्टूडेंट ग्लोबल एप्टिट्यूट इंडेक्स (एसजीएआई) टेस्ट होने जा रहा है। साढ़े तीन हजार देसी-विदेशी स्कूलों में हो रहे इस टेस्ट में दसवीं के करीब साढ़े तीन लाख छात्र अपने एप्ट्टिच्यूट की जांच के लिए बैठने जा रहे हैं।
डेढ़ घंटे के इस टेस्ट के आधार पर स्कूलों की ओर से बच्चों को एक स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके जरिए बच्चे जान सकेंगे कि आखिरकार उनका रुझान किस ओर है। हालांकि इस टेस्ट के परिणामों को मानने की बाध्यता नहीं रहेगी। सूत्रों के अनुसार एसजीएआई को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में चल रहे सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों ने भी रुचि दिखाई है।
शनिवार को हो रही परीक्षा में दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई के साथ जापान, इंडोनेशिया, ओमान व सऊदी अरब के कई सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल इस टेस्ट का आयोजन अपने यहां करने जा रहे हैं।
स्कूलों को बोर्ड की ओर से पहले ही इस टेस्ट से जुड़ी तमाम गाइडलाइंस दे दी गई है, जिनके आधार पर स्कूल स्तर पर इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और फिर मूल्याकंन होगा। ज्यादातर स्कूलों में यह परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होगी और इसमें छात्रों को 15 मिनट का अतिरिक्त समय कूल ऑफ टाइम के तौर पर दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल वह इस टेस्ट को समझने में कर सकेंगे।
बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक पहली बार छात्रों की मानसिक क्षमता के आंकलन के लिए होने जा रहे इस टेस्ट में परीक्षाथिर्यों का आंकड़ा साढ़े तीन लाख पहुंच गया है।
इस टेस्ट में मेंटल मैपिंग की एक प्रश्नावली के जरिए छात्रों की वैज्ञानिक अभिवृति, संख्यात्मक योग्यता, सामाजिक अभिवृति, व्यवहार विज्ञान योग्यता, कला योग्यता व अभिरुचि क्षेत्र को जांचा जाएगा, जिसके लिए अलग-अलग पांच रंगों वाली प्रश्नावली स्कूलों को भेजी जा चुकी है। इस टेस्ट में सही-गलत प्रश्नों जैसा कुछ नहीं होगा और पास फेल के खेल से अलग इसमें पांच क्षेत्रों के किन्हीं तीन क्षेत्रों के हाई स्कोर को बताया जाएगा, जिससे कि छात्र अपना एप्टिट्यूट जान पाएगा और इसके आधार पर वह अपने भविष्य की राह तय कर सकेगा(दैनिक भास्कर,दिल्ली,22.1.11)।
इधर,नोएडा में करीब 25 स्कूलों के लगभग 3 हजार छात्र भाग लेंगे। परीक्षा सुबह 9:30 बजे से शुरू होगी। इसके लिए स्टूडेंट्स को ढाई घंटे का टाइम दिया जाएगा। हालांकि ये एग्जाम सभी स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य नहीं है। पेपर देना या न देना स्टूडेंट्स की मंशा पर निर्भर करेगा। गौरतलब है कि सीबीएसई के पैटर्न में पहली बार इस टेस्ट को शामिल किया गया है। इस परीक्षा के बारे में टीचर्स का कहना है कि इससे 10वीं के छात्रों को 11वीं में स्ट्रीम चुनने में आसानी होगी।
डेढ़ घंटे के इस टेस्ट के आधार पर स्कूलों की ओर से बच्चों को एक स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके जरिए बच्चे जान सकेंगे कि आखिरकार उनका रुझान किस ओर है। हालांकि इस टेस्ट के परिणामों को मानने की बाध्यता नहीं रहेगी। सूत्रों के अनुसार एसजीएआई को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में चल रहे सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों ने भी रुचि दिखाई है।
शनिवार को हो रही परीक्षा में दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई के साथ जापान, इंडोनेशिया, ओमान व सऊदी अरब के कई सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल इस टेस्ट का आयोजन अपने यहां करने जा रहे हैं।
स्कूलों को बोर्ड की ओर से पहले ही इस टेस्ट से जुड़ी तमाम गाइडलाइंस दे दी गई है, जिनके आधार पर स्कूल स्तर पर इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और फिर मूल्याकंन होगा। ज्यादातर स्कूलों में यह परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होगी और इसमें छात्रों को 15 मिनट का अतिरिक्त समय कूल ऑफ टाइम के तौर पर दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल वह इस टेस्ट को समझने में कर सकेंगे।
बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक पहली बार छात्रों की मानसिक क्षमता के आंकलन के लिए होने जा रहे इस टेस्ट में परीक्षाथिर्यों का आंकड़ा साढ़े तीन लाख पहुंच गया है।
इस टेस्ट में मेंटल मैपिंग की एक प्रश्नावली के जरिए छात्रों की वैज्ञानिक अभिवृति, संख्यात्मक योग्यता, सामाजिक अभिवृति, व्यवहार विज्ञान योग्यता, कला योग्यता व अभिरुचि क्षेत्र को जांचा जाएगा, जिसके लिए अलग-अलग पांच रंगों वाली प्रश्नावली स्कूलों को भेजी जा चुकी है। इस टेस्ट में सही-गलत प्रश्नों जैसा कुछ नहीं होगा और पास फेल के खेल से अलग इसमें पांच क्षेत्रों के किन्हीं तीन क्षेत्रों के हाई स्कोर को बताया जाएगा, जिससे कि छात्र अपना एप्टिट्यूट जान पाएगा और इसके आधार पर वह अपने भविष्य की राह तय कर सकेगा(दैनिक भास्कर,दिल्ली,22.1.11)।
इधर,नोएडा में करीब 25 स्कूलों के लगभग 3 हजार छात्र भाग लेंगे। परीक्षा सुबह 9:30 बजे से शुरू होगी। इसके लिए स्टूडेंट्स को ढाई घंटे का टाइम दिया जाएगा। हालांकि ये एग्जाम सभी स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य नहीं है। पेपर देना या न देना स्टूडेंट्स की मंशा पर निर्भर करेगा। गौरतलब है कि सीबीएसई के पैटर्न में पहली बार इस टेस्ट को शामिल किया गया है। इस परीक्षा के बारे में टीचर्स का कहना है कि इससे 10वीं के छात्रों को 11वीं में स्ट्रीम चुनने में आसानी होगी।
वहीं एपीजे स्कूल के प्रिंसिपल एन. एन. नैय्यर का कहना है कि इस टेस्ट के माध्यम से छात्रों के लिए स्ट्रीम का चुनाव करना आसान होगा। रेयान स्कूल की प्रिंसिपल अनुराधा शर्मा का कहना है कि ये पहली परीक्षा है। एडमिशन के दौरान स्ट्रीम लेने में इसके रिजल्ट को कितनी और किस तरह प्राथमिकता दी जाएगी। अभी इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है(नवभारत टाइम्स,नोएडा,22.1.11)।
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