अमेरिका के सिलिकॉन वैली स्थित एक विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर आव्रजन संबंधी जालसाजी के आरोपों के चलते छापे मारने और संस्थान को बंद कर दिए जाने के बाद सैकड़ों भारतीय छात्रों के समक्ष निर्वासन का खतरा मंडरा रहा है। इनमें से ज्यादातर छात्र आंध्रप्रदेश के हैं। सेन फ्रांसिस्को बे एरिया के प्लीजेंटोन उपनगर स्थित ट्राई वैली यूनिवर्सिटी पर संघीय जांच अधिकारियों ने जालसाजी, वीजा परमिट का दुरुपयोग करने, धन शोधन तथा अन्य अपराधों में लिप्त होने का आरोप लगाया है। कैलिफोर्निया की अदालत में संघीय एजेंसी द्वारा दर्ज शिकायत में कहा गया कि विश्वविद्यालय ने विदेशी नागरिकों को अवैध तरीके से आव्रजन दर्जा हासिल करने में मदद की। पिछले सप्ताह इस विश्वविद्यालय में छापा मारा गया और फिर इसे बंद कर दिया गया। शिकायत के अनुसार, बताया जाता है कि विश्वविद्यालय में।,555 छात्र हैं और इनमें 95 फीसदी छात्र भारतीय हैं। इमिग्रेशन एंड कस्टम एन्फोर्समेंट (आईसीई) की जांच में पाया गया कि छात्रों को विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानीय एवं ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता था। यह सबकुछ दस्तावेजों में होता था, लेकिन वास्तव में ये लोग देश के मैरीलैंड, वर्जीनिया, पेन्सिलवेनिया और टैक्सास जैसे हिस्सों में अवैध तरीके से काम करते रहे। आईसीई ने इसे शेम यूनिवर्सिटी कहा है। आईसीई ने जांच में पाया कि संस्थान के आधे से ज्यादा विद्यार्थियों के सनीवेल कैलिफोर्निया स्थित एक अपार्टमेंट में रहने की खबर है। अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, जांच के दौरान आईसीई ने पाया कि विश्वविद्यालय ने छात्रों के स्थानीय पते यह छिपाने के लिए दिए कि वे कैलिफोर्निया में नहीं रहते। एक छात्र को आव्रजन दर्जा बनाए रखने के लिए, यह सबूत पेश करना होता है कि वह नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित होता है और पाठ्यक्रम पूरा करने की दिशा में प्रगति कर रहा है। संघीय जांच अधिकारी अब हर उस छात्र से संपर्क कर रहे हैं, जिसने छात्र वीजा तथा छात्र वर्क परमिट हासिल करने के लिए लाखों रुपये दिए थे। अब तक कई छात्रों से पूछताछ की जा चुकी है जिससे भारतीय छात्र समुदाय में दहशत फैल गई है। ज्यादातर छात्र आंध्रप्रदेश के हैं जो नए सैमेस्टर से विश्वविद्यालय से जुड़ने की योजना बना रहे थे। अब उन्होंने अमेरिका की यात्रा की अपनी योजना स्थगित कर दी है। शीतकालीन अवकाश के बाद विश्वविद्यालय में दस जनवरी से कक्षाएं शुरू होनी थी। समझा जाता है कि अब इनमें से कई छात्र खुद से पूछताछ किए जाने से पहले, यथाशीघ्र अमेरिका छोड़ने की योजना बना रहे हैं। कुछ अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि कई छात्रों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ निर्वासन की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,26.1.11 में वाशिंगटन की रिपोर्ट))।
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