उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा बदले गए हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा के स्वरूप से परीक्षार्थियों को घबराए की जरूरत नहीं है। परीक्षार्थी बदले पाठ्यक्रम के अनुसार अपनी तैयारी शुरू करें तो नंबर पाना मुश्किल नहीं होगा। वर्ष २०११ की यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम और प्रश्नपत्रों में हुए बदलाव छात्र गंभीरता से देख लें।
क्या है बदलाव
अभी तक हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में प्रत्येक विषय के दो-दो पेपर हुआ करते थे, लेकिन इस बार एक ही प्रश्न पत्र होगा। हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विषय में छात्र-छात्राओं को अब एक-एक पेपर ही देना होगा। प्रश्न पत्र में चार तरह के प्रश्न होंगे। पहला भाग बहु विकल्पी होगा जो एक नंबर का होगा, दूसरा अति लघु उत्तरीय होगा, जो दो नंबर का होगा, तीसरा लघु उत्तरीय होगा, जो चार नंबर का होगा तथा चौथा भाग विस्तृत उत्तरीय होगा, इसका प्रत्येक प्रश्न छह नंबर का होगा।
क्या हो सकती है परेशानी
हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय का कोर्स बहुत बड़ा है। ऐसे में पूरे कोर्स से मात्र एक ही प्रश्न पत्र तैयार होना परेशानी खड़ी कर सकता है। इसमें सबसे ज्यादा समस्या सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय के प्रश्न पत्र में हो सकती है, क्योंकि विज्ञान विषय में भौतिक विज्ञान, रसायन विभाग, जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान का जहां एक ही पेपर होगा। वहीं सामाजिक विज्ञान में भी इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और नागरिक शास्त्र चार विषयों का एक ही प्रश्न पत्र आएगा। इतने बड़े कोर्स का एक साथ अध्ययन कर उन्हें हल करना १० वीं के छात्र-छात्राओं के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है।
बहुत देर से मिला मॉडल पेपर
विगत वर्षों में बच्चे गत वर्ष के मॉडल पेपर के आधार पर तैयारी करते थे, लेकिन इस बार सब कुछ नया है। बाजार में दिसंबर माह में मॉडल पेपर आया है। वह भी मुश्किल से मिल रहा है।
क्या करें परीक्षार्थी
डीएन इंटर कालेज के प्रधानाचार्य हरिओम शर्मा का कहना है कि जितनी जल्दी संभव हो सके मॉडल पेपर ले लें। उसी के आधार पर तैयारी करें। प्रत्येक विषय को रोजाना समय दें। जो विषय उनके लिए कठिन है उसे ज्यादा और जो विषय आसान नजर आता है। उस पर थोड़ा समय दें, लेकिन किसी भी विषय को प्रतिदिन के टाइम टेबल से अलग ना करें। जहां तक संभव हो, लिखकर तैयारी करें। क्योंकि इससे लिखने की प्रैक्टिस तो बढ़ेगी ही साथ ही मन एकाग्रचित्त भी होगा(अमर उजाला,मेरठ,11.1.11)।
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