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30 जनवरी 2011

झारखंडःसंथाली भाषा की उपेक्षा के विरोध में रैली आज

संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के बावजूद झारखंड और बिहार समेत पांच राज्यों में सरकार द्वारा आदिवासियों की प्रमुख भाषा संथाली की कथित उपेक्षा के विरोध में आज जमशेदपुर में झारखंड दिशोम पार्टी और आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से राष्ट्रीय संथाली राजभाषा महासभा रैली का आयोजन किया जाएगा।

संथाली को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले झादिपा अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने शुक्रवार को बताया कि संथाली को संविधान के अनुच्छेद 345 के तहत झारखंड में राजभाषा और अनुच्छेद 347 के अनुसार पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उड़ीसा में द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर एक अप्रैल को चक्का जाम का आयोजन भी किया जाएगा।


उन्होंने आरोप लगाया कि पांचो राज्यों में केंद्र और राज्य सरकारों की उपेक्षापूर्ण नीतियों के कारण संथाली भाषा में पठन-पाठन नहीं हो रहा है। इसके विरोध में ऐतिहासिक गोपाल मैदान में आयोजित रैली में पांचो राज्यों से बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। इसमें संथाली भाषा आंदोलन की आगामी रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।


उन्होंने बताया कि आदिवासियों के सरना धर्म को जनगणना में अलग कोड की मान्यता दिलाने के लिए 15 फरवरी को इन पांच राज्यों में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा आदिवासियों का विस्थापन पलायन रोकने उनके हित मे बने कानूनों को सख्ती से लागू कराने जैसे मुद्दों पर सात मार्च को पांचो राज्यों की राजधानी में राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा(हिंदुस्तान,जमशेदपुर,30.1.11)।

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