आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर से बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) की डिग्री लेने वाले सैकड़ों छात्रों का होम्योपैथी चिकित्सा बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा। इससे डिग्रीधारी होम्योपैथी चिकित्सकों को भविष्य की चिंता खाए जा रही है।
बीएचएमएस के पहले बैच वर्ष 2003 में प्रवेश लेने वाले छात्र रजिस्ट्रेशन के लिए भटक रहे हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के इन्हें प्राइवेट प्रेक्टिस करने या किसी औषधालय में कार्य करने का अधिकार नहीं मिल पा रहा। बीएचएमएस से डिग्रीधारी डॉ.आशीष आर्य ने बताया कि पहले बैच में करीब 400 छात्रों ने काउंसलिंग के माध्यम से आवंटित कॉलेजों में प्रवेश लिया। उनका पाठ्यक्रम वर्ष 2010 में पूरा हो गया।
विश्वविद्यालय से उन्हें डिग्री भी मिल गई लेकिन राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा बोर्ड का कहना है कि उनकी डिग्री मान्य नहीं है। उधर वर्ष 2003 बैच के बीएएमएस (आयुर्वेद) और बीयूएमएस (यूनानी) संकाय के छात्रों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इस दोहरे बर्ताव को लेकर वह चिकित्सा मंत्री, डीन एवं कॉलेज प्राचार्य से कई बार मिल चुके हैं लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है।
भर्ती परीक्षा से भी वंचित
छात्रों का कहना है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से होम्योपैथिक चिकित्सक पद पर भर्ती के लिए मार्च में आयोजित परीक्षा में भी वह हिस्सा लेना चाहते हैं लेकिन बिना रजिस्ट्रेशन इससे वंचित रहेंगे। उन्होंने बताया कि डिग्री को मान्यता नहीं मिली तो वर्ष 2004 और 2005 के छात्रों का भविष्य भी अंधकार में होगा क्योंकि उनकी इंटर्नशिप भी जल्द पूरी होने वाली है।
इनका कहना है
बीएचएमएस के छात्रों का रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में सोमवार को रजिस्ट्रार से जानकारी ली जाएगी।
डॉ.दिनेश नागर, निदेशक होम्योपैथी
(राजस्थान पत्रिका डॉटकॉम,अजमेर,10.1.11)
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