नौवीं और 11वीं कक्षा के बच्चों के लिए यौन शिक्षा का सिलेबस तैयार कर लिया गया है. दोनों कक्षाओं के लिए अलग-अलग सिलेबस बनाये गये हैं. एससीइआरटी में दो दिवसीय कार्यशाला के बाद बुधवार को सिलेबस को अंतिम रूप दिया गया.कार्यशाला में नालंदा, छपरा, मुजफ्फरपुर व गया जिलों के 33 शिक्षकों ने भाग लिया. वे अपने-अपने जिले में हाइस्कूलों के अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. कार्यशाला के बाद इन शिक्षकों को इससे संबंधित सिलेबस भी दिये गये.
क्या है सिलेबस में
कार्यशाला में भाग लेने वाले शिक्षक बीपी शर्मा ने बताया कि 11वीं कक्षा के सिलेबस में यौन उत्पीड़न से संबंधित विषय रखे गये हैं. इनमें यह बताया गया है कि यौन उत्पीड़न से निबटने के लिए क्या किया जाना चाहिए? इस कक्षा में नशामुक्ति के बारे में भी जानकारी दी जायेगी. छात्र-छात्राओं को बताया जायेगा कि एड्स कैसे फैलता है.
कम उम्र में शादी के ओर्थक व सामाजिक स्तर पर होने वाले दुष्परिणाम भी बताये जायेंगे. बच्चों को प्रजनन संबंधी समस्याओं से भी अवगत कराया जायेगा. नौवीं के सिलेबस में बताया गया है कि अच्छे और बुरे मित्रों की पहचान कैसे करें. किशोर अवस्था में भटकाव कैसे होता है. मित्रमंडली के दबाव के बारे में जानकारी दी गयी है. शैक्षिक सत्र 2011 से पायलट प्रोजेक्ट के तहत नौ जिलों में यह शुरू होगी.
इनमें नालंदा, मुजफ्फरपुर, सारण, बांका, खगड़िया, पूर्णिया, दरभंगा व सुपौल शामिल हैं. इन जिलों में सफलता के बाद तीन वर्षो के अंदर राज्य के सभी जिलों में यौन शिक्षा लागू होनी है. बच्चों को पूरे कोर्स में 16 घंटों में यह शिक्षा मिलेगी.
कार्यशाला में गया जिले के रामरुचि बालिका इंटर स्कूल की चित्रलेखा, विद्या विहार हाइस्कूल, मुजफ्फरपुर के जयचंद्र भगत, डॉ एन करीम, महावीर इंटर स्कूल की डॉ अनिता ओझा, यशवंत हाइस्कूल, खिजरसराय की लता सिन्हा ओद शामिल थीं. उनका कहना था कि इस शिक्षा में बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलेगा और जीवन में भटकाव की आशंका समाप्त होगी.
(प्रभात खबर,पटना,13.1.11)
ये सब पढ़कर हमको ही सैक्सी फ़ील होने लगा तो बेचारे मासूम बच्चों का क्या होगा ? डैम इट।
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