एनसीईआरटी जल्द ही एजुकेशनल चैनल शुरू करेगा। इसमें 1 से 12 वीं क्लास तक के विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक प्रोग्राम प्रसारित किए जाएंगे। इस चैनल से राजस्थान के स्कूलों को भी जोड़ा जाएगा। यह जानकारी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में दी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित शिक्षा सम्मेलन में स्कूली शिक्षा के सुधार के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। सम्मेलन में मंत्रालय ने एनसीईआरटी को चैनल शुरू करने के आदेश दिए हैं। विभिन्न शिक्षा बोर्ड अध्यक्षों ने कहा कि चैनल को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक है कि इससे सभी स्कूलों को जोड़ा जाए। वर्तमान में ज्ञान दर्शन, तरंग आदि टीवी कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं लेकिन स्कूलों के नहीं जुड़ने से विद्यार्थियों को इसका पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गर्ग ने एजयू सेट को भी लिंक करने का आग्रह किया।
सीसीई का सरलीकरण भी होगा: स्कूलों में व्यापक सतत मूल्यांकन (सीसीई) कक्षा 1 से 8 तक लागू कर दिया है। अब मंत्रालय 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं में भी इसे लागू करने जा रहा है। सीबीएसई की 10 वीं क्लास में बोर्ड खत्म होने जा रहा है। सीसीई के आधार पर ही विद्यार्थी को प्रमोट किया जाएगा। एनसीईआरटी सीसीई का सरलीकरण भी करेगा।
फाउंडेशन ट्रेनिंग की वकालत: बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार के लिए टीचर्स की नई भर्ती में कैट को जरूरी बताया है। उन्होंने सर्विस टीचर्स के लिए 2 से 4 महीने की फाउंडेशन ट्रेनिंग की भी वकालत की। इस ट्रेनिंग में टीचर्स को अध्यापन की नवीनतम तकनीक, अध्यापन के संबंध में अतिरिक्त ज्ञान कहां से जुटाया जाए, विद्यार्थियों को किस तरह का शैक्षिक वातावरण दिया जाए, समेत विभिन्न मुद्दों पर ट्रेनिंग दी जाए। डॉ. गर्ग ने कहा कि यह प्रशिक्षण आवासीय हो और शिक्षकों की 24 घंटे की गतिविधियों पर भी निगरानी की जाए। इस ट्रेनिंग के पक्ष में देश के लगभग सभी शिक्षा बोडरे के अध्यक्ष सहमत नजर आए(दैनिक भास्कर,अजमेर,20.1.11)।
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