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28 जनवरी 2011

उत्तराखंडःआईएएस के लिए खुला होगा "डीजी" पद

सूबे के सबसे बड़े महकमे शिक्षा के नए प्रस्तावित ढांचे में महानिदेशक पद पर आईएएस की तैनाती का विकल्प भी खुला रहेगा। महानिदेशालय प्राइमरी और प्रशिक्षण समेत कुल तीन निदेशालयों के बीच समन्वय की भूमिका में होगा। आम के आम और गुठलियों के दाम पर अमल करते हुए नए ढांचे में मौजूदा प्रशासनिक पदों की संख्या में फेरबदल नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री की प्राइमरी शिक्षा निदेशालय स्थापित करने की घोषणा पर कदम बढ़ाते हुए महकमे ने शैक्षिक प्रशिक्षण के लिए भी पृथक निदेशालय प्रस्तावित किया है। तीन निदेशालयों के साथ तालमेल को बतौर अंब्रेला मॉडल शिक्षा महानिदेशालय को भी नए ढांचे में शामिल किया गया है। महकमे के प्रस्ताव पर मंथन के बाद शिक्षा मंत्रालय ने सहमति जता दी है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट के मुताबिक नए ढांचे को इस तरह अंजाम दिया जा रहा है ताकि तीन निदेशालय बनने के बावजूद महकमे के कुल 297 प्रशासनिक पदों की संख्या बढ़ने नहीं पाए। नए प्रस्ताव के मुताबिक माध्यमिक समेत कुल तीन निदेशालयों के प्रशासनिक नियंत्रक निदेशक होंगे, महानिदेशालय महज समन्वय की भूमिका निभाएगा। महानिदेशक पद पर विभागीय अधिकारी के साथ ही आईएएस अफसर की तैनाती भी हो सकेगी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशक की जिम्मेदारी भी महानिदेशक को सौंपी जाएगी। नए प्रस्ताव में महकमे के पदों की संख्या से ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की गई है। अलबत्ता, अपर निदेशक के पद बढ़े हैं लेकिन मंडलों में संयुक्त निदेशक के चार पद खत्म हो जाएंगे। प्राइमरी, माध्यमिक और प्रशिक्षण निदेशालय में निदेशक और अपर निदेशक के एक-एक पद होंगे। वहीं संयुक्त निदेशक के पद क्रमश: दो, दो और तीन होंगे। उप निदेशक के पद क्रमश: चार, सात और आठ रहेंगे। इनमें माध्यमिक स्तर पर उप निदेशक का एक पद कम कर उसे प्राइमरी में समायोजित किया जाएगा। एससीईआरटी और राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमेट) प्रशिक्षण निदेशालय के अधीन होंगे। यह निदेशालय प्राइमरी से लेकर माध्यमिक स्तर तक शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के प्रशिक्षण का बंदोबस्त करेगा(दैनिक जागरण,देहरादून,28.1.11)।

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