चर्चगेट स्थित एचआर कॉलेज इस बार का 'यूथ डे' अर्थात स्वामी विवेकानंद जयंती (12 जनवरी) खास ढंग से मनाने जा रहा है। कॉलेज के कुछ छात्र इस दिन शहर के कई स्कूलों और सोसायटियों में जाकर वहां मौजूद वॉचमेन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाते हुए उनको स्कूलों में एनरॉल करने का प्रयास करेंगे।
कॉलेज के रोटरैक्ट क्लब से जुड़े छात्रों का यह कार्यक्रम सही मायने में यूथ डे को सेलिब्रेट करेगा। छात्रों को उम्मीद है कि इसके जरिए वे भारत को बेहतर बनाने की दिशा में अपना योगदान दे सकेंगे। दिलचस्प है कि कॉलेज के ये छात्र पहले ही अपनी पढ़ाई से समय निकालकर दूसरे छात्रों को भी शिक्षा दे रहे हैं। 'बदलाव' प्रोजेक्ट के तहत इन छात्रों ने शहर के 8 नाइट स्कूलों में पढ़ रहे 16-25 वर्ष के 450 छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा भी सम्हाला हुआ है।
एचआर कॉलेज के 16 छात्रों का यह अभियान इन बच्चों को एसएससी एग्जाम की तैयारी करवाने से जुड़ा है। इसमें अंग्रेजी भाषा और बोलचाल की अंग्रेजी की कक्षाएं वे स्वयं ले रहे हैं। समय कब मिलता है दूसरों को पढ़ाने के लिए? जवाब में प्रोजेक्ट से जुड़े फर्स्ट इयर से फाइनल इयर के मिश्रित बैच ने एनबीटी को बताया, 'हम हर शनिवार को क्लास लेते हैं। वैसी दीवाली की छुट्टियों में स्पेशल कैंप लगाकर हमने काफी पोर्शन पूरा करवा दिया है।'
इन 8 नाइट स्कूलों को अडॉप्ट करके छात्रों के लिए शिक्षा और दूसरे संसाधन मुहैया करवा रही संस्था 'मासूम' की प्रमुख निकिता केतकर कहती हैं, 'एचआर के छात्र बेहद अच्छा काम कर रहे हैं। हमारे बच्चों की ग्रामर और कंवर्सेशन की अच्छी प्रैक्टिस हो गई है। पिछले हमने इन वंचित बच्चों के लिए स्पोर्ट्स डे का आयोजन भी किया। इसमें भी रोटरैक्ट क्लब के छात्रों ने काफी मदद की। उनके आने से हमारे एजुकेशन वालंटियर्स को भी काफी मदद मिलती है।'
बीकॉम फाइनल इयर की छात्रा निकिता चावला, जो 'बदलाव' की इवेंट कोऑर्डिनेटर हैं, गर्व से कहती हैं, 'देश का भविष्य तभी बेहतर होगा जब बच्चों को शिक्षित किया जाएगा। 12 जनवरी को हम यही संदेश सबको देंगे कि वे अपने आसपास जिस किसी को भी अल्पशिक्षित देखें, उसका नाम स्कूल में लिखवाएं।'
(नवभारत टाइम्स,चर्चगेट,11.1.11)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।