प्रदेश विश्वविद्यालय में संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन में कर्मचारियों ने डेपुटेशन गो बैक का नारा देते हुए विवि में डेपुटेशन पर हुई नियुक्तियों को बोझ बताया है। कर्मचारियों ने शनिवार को भी रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। गैर शिक्षक संघ के पूर्व तकनीकी सदस्य नागेंद्र गुप्ता ने कहा कि विवि में परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध हुई है।
डेपुटेशन पर एसई और सुरक्षा अधिकारी के पद पर की गई नियुक्ति विवि पर बोझ है। कर्मचारी नेता ने कहा कि एसई को वापस भेजकर तकनीकी शाखा में अधिशासी अभियंता के ऊपर के स्तर के सभी कार्य मात्र २००० से २५०० रुपए पारिश्रमिक के रूप में अदा कर करवाए जा सकते हैं। विवि के नियमों में स्थापना के समय से ही ऐसा प्रावधान किया है कि किसी भी तकनीकी कार्य को विवि के कुलपति तकनीकी सलाहकार की सलाह लेकर पूरा कर सकते हैं। ऐसा पहले भी होता आया है। जिला पुलिस के डीएसपी सीटी कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मौजूद हैं तो विवि में डीएसपी को भी वापस भेजा जा सकता है।
रैली को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेता ने कहा कि पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे विवि को इनके भेजने से राहत मिलेगी। इनको दी जाने वाली तनख्वाह के लाखों रुपए बचाकर जेई और अन्य तकनीकी कर्मचारियों तथा क्लर्कों की नियुक्ति की जा सकती है। इसका अभी अभाव चल रहा है। उन्होंने कुलपति पर परिसर में राजनीति कर बिना वजह कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप भी लगाया और मुख्यमंत्री से कुलपति को एक्सटेंशन न देने की मांग की(अमरउजाला,शिमला,30.1.11)।
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