झारखंड के 1446 पारा मेडिकल कर्मी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, वहीं अधिकारियों को राष्ट्रीय खेल और खसरा टीकाकरण अभियान की चिंता खाए जा रही है, क्योंकि इन दोनों कार्यो में भारी संख्या में पारा मेडिकलकर्मियों को लगाया गया है। दरअसल पारा मेडिकल कर्मियों का अनुबंध फरवरी में समाप्त हो जायेगा और और सरकार ने अभी तक नवीनीकरण नहीं किया है। ऐसे में कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर संशय में हैं। मुख्य सचिव एके सिंह के उस निर्देश को लेकर भी कर्मचारी उहापोह में है जिसमें कहा गया है कि 31 मार्च के बाद अनुबंध पर नियुक्त कर्मियों से काम न लिया जाए, क्योंकि इन पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। राज्य के विभिन्न जिलों में 1446 पारा मेडिकल कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 136 लैब तकनीशियन के रूप में काम कर रहे हैं। इसके अलावा 180 फार्मासिस्ट, 112 ए ग्रेड नर्स तथा 1,014 एएनएम शामिल हैं। संविदा पर काम कर रहे इन कर्मचारियों को खसरा उन्मूलन अभियान के साथ ही राष्ट्रीय खेल आयोजन की जिम्मेदारी भी दी गई है। ऐसे में दोनों का भविष्य दांव पर है। हालांकि अनुबंध का नवीनीकरण न होने से सभी की सांसें अटकी हुई हैं। पारा मेडिकलकर्मी स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू के स्थायीकरण की घोषणा को लेकर भी आशान्वित हैं। अभी तक इसे लेकर विभाग में कुछ खास कसरत शुरू नहीं हुई है(दैनिक जागरण,रांची,2.2.11)।
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