इस बार प्रदेश के दोनों प्राविधिक विश्वविद्यालयों (एमबीटीयू एवं जीबीटीयू) से संबद्ध निजी कालेजों की 20 प्रतिशत सीटें एआइईईई के माध्यम से भरी जायेंगी। पहले दस फीसदी सीटें ही इससे भरी जाती थीं। जीबीटीयू के कुलसचिव यूएस तोमर ने बताया कि प्रदेश के कालेजों में पूरे देश से छात्र प्रवेश ले सकें इसलिए अभी तक निजी कालेजों की दस प्रतिशत सीटें ऑल इंडिया इंजीनियरिंग इंट्रेंस एक्जामिनेशन (एआइईईई) के माध्यम से भरी जाती थीं। दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों की संख्या को देखते हुए इस बार उनकी संख्या बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गयी। इनमें दस प्रतिशत एआइईईई की राष्ट्रीय मेरिट से तथा दस प्रतिशत राज्य स्तरीय मेरिट से होंगे। इन छात्रों को यूपीएसईईई की काउंसलिंग में शामिल होना होगा। नई व्यवस्था के अनुसार सरकारी कालेजों की पांच प्रतिशत सीटें एनआरआई कोटे से तथा शेष काउंसलिंग से भरी जाएंगी। जबकि निजी कालेजों की 20 प्रतिशत सीटें एआइईईई, 15 प्रतिशत प्रबंधन कोटे तथा 65 प्रतिशत सीटें यूपीएसईईई की काउंसलिंग के माध्यम से भरी जानी है। काउंसलिंग के बाद जो सीटें खाली रह जायेंगी उन्हें कालेज सीधे निर्धारित प्रक्रिया से भर सकेंगे। बताया गया कि पिछली परीक्षा की तरह ही यूपीएसईईई में सामान्य व ओबीसी अभ्यर्थी 25 प्रतिशत व एससीएसटी अभ्यर्थी 20 प्रतिशत अंकों पर क्वालीफाई माने जाएंगे(दैनिक जागरण,कानपुर,1.2.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।