रोवनजीत मामले में ला मार्टिनियर स्कूल के प्राचार्य और तीन शिक्षकों पर उसे खुदकुशी के लिए बाध्य करने का मुकदमा चलेगा। दीवानी अदालत के मुख्य न्यायाधीश दीपक साहा राय ने मेट्रोपोलिटन जज के 19 नवंबर के आदेश को बरकरार रखा। निचली अदालत ने प्राचार्य और तीन शिक्षकों के खिलाफ रोवनजीत को आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। पुलिस ने इस मामले में शुरू में आरोपियों के खिलाफ जमानती धाराओं में केस दर्ज किया था। आरोपी शिक्षकों ने इस आदेश को दीवानी न्यायालय में चुनौती दी थी। ध्यान रहे कि कोलकाता स्थित ला मार्टिनियर स्कूल के सातवीं के छात्र रोवनजीत रावला ने स्कूल में पिटाई के चार दिन बाद पिछले वर्ष 12 फरवरी को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आज्ञा नहीं मानने और खराब व्यवहार को लेकर प्राचार्य सुनिर्मल चक्रवर्ती समेत तीन शिक्षकों ने 13 वर्षीय रोवनजीत की पिटाई की थी। छात्र के पिता अजय रावला की शिकायत पर पुलिस ने चारों आरोपियों को 4 अक्टूबर, 2010 को गिरफ्तार किया था, लेकिन सभी को उसी दिन जमानत मिल गई क्योंकि पुलिस ने जमानती धाराओं में चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए अजय रावला ने सभी आरोपियों के खिलाफ उनके पुत्र को आत्महत्या के लिए बाध्य करने सहित अन्य कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की। न्यायाधीश दीपक साहा राय ने सोमवार को चारों आरोपियों की अर्जी को खारिज करते हुए निचली अदालत के आदेश के मुताबिक मुकदमा चलाने को हरी झंडी प्रदान कर दी(दैनिक जागरण,कोलकाता,1.2.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।