उर्दू मिठास और तहजीब की भाषा है। अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से भी इस भाषा का काफी महत्व है। उर्दू अदब का इतिहास गवाह है कि यह भाषा प्रारंभिक काल से ही जीविकोपार्जन में सहायक रही है। आज भी रोजगार की दृष्टि से उर्दू भाषा की तहजीब में अनेक क्षेत्र हैं, जहां उर्दू जानने वाले अपना शानदार कॅरिअर बना सकते हैं। देश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में उर्दू की शिक्षा दी जाती है। वैसे उर्दू की प्रारंभिक शिक्षा की व्यवस्था मदरसों के अलावा सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में भी की गई है। इसके अलावा जिनकी मातृभाषा उर्दू नहीं है, उनके लिए देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा जैसे कोर्सेज का संचालन किया जाता है। यदि आपने बारहवीं तक उर्दू भाषा एक विषय के रूप में पढ़ रखी है तो आगे आप बी.ए.(ऑनर्स) उर्दू, एम.ए. उर्दू के अलावा कोई भी कोर्स उर्दू भाषा में कर सकते हैं। इसके अलावा देश के बहुत से प्रमुख विश्वविद्यालय उर्दू भाषा में जनसंचार के लिए पी.जी. डिप्लोमा कोर्सेज भी संचालित कर रहे हैं। उर्दू में सर्टिफिकेट कोर्स के लिए दसवीं या बारहवीं पास और डिप्लोमा के लिए उर्दू में सर्टिफिकेट कोर्स पास होना जरूरी है। बारहवीं स्तर तक एक विषय के रूप में उर्दू भाषा होने पर उर्दू में बैचलर डिग्री के लिए उर्दू (ऑनर्स) में प्रवेश दिया जाता है। एम.ए. और पी.जी. डिप्लोमा कोर्सेजे के लिए बैचलर डिग्री उत्तीर्ण होना आवश्यक है। सर्टिफिकेट कोर्स के लिए किसी खास योग्यता की जरूरत नहीं होती। उर्दू में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और पी.जी. डिप्लोमा के सारे कोर्सेज की अवधि एक वर्ष निर्धारित है, जबकि बैचलर डिग्री के लिए ३ वर्ष तथा मास्टर डिग्री के लिए दो वर्ष की अवधि निर्धारित है। उर्दू में बैचलर, मास्टर, एम.एड., एम. फिल, पीएच.डी. आदि की डिग्री हासिल करने वालों के लिए रोजगार के बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं, क्योंकि इस भाषा की पढ़ाई विदेशों में अनिवार्य या ऐच्छिक रूप से कहीं न कहीं होती ही है। अतः कहीं भी उर्दू शिक्षक बनकर भविष्य बनाया जा सकता है। उर्दू में पी.एच.डी. करने वाले कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में, बतौर लेक्चर, रीडर एवं प्रोफेसर की नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। उर्दू में शोधकार्य करने के लिए भी यूजीसी कई तरह की छात्रवृत्तियां प्रदान करती रहती है। देश एवं विदेश में विभिन्न मंत्रालयों में उर्दू अनुवादक का पद निर्धारित है। अन्य भाषा के साथ उर्दू डिग्री वाले इस पद के हकदार बन सकते हैं। दुनिया में प्रायः हर देश के दूतवास एक-दूसरे के यहां स्थापित हैं, जिसके द्वारा भाषा, साहित्य, संस्कृति, अंतरराष्ट्रीय संबंध स्थापना आदि से संबंधित कार्य संपन्न किए जाते हैं। आकर्षक वेतन व अन्य सुविधाओं के लिए उर्दू डिग्री होल्डर इसमें अपना भविष्य बना सकते हैं। उर्दू विषय अपनाकर अनेक प्रतियोगी विभिन्न राज्य स्तरीय एवं संघ स्तरीय उच्च प्रशासनिक पदों को भी प्राप्त कर सकते हैं। उर्दू पत्रकारिता की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है। आए दिन नए-नए अखबार और उर्दू पत्रिकाएं निकल रही हैं। इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर हैं। इस क्षेत्र में चैनलों की संख्या अब बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में उर्दू की आवश्यक योग्यता रखने वाले इस क्षेत्र में समाचार वाचक, उद्घोषक, संवाददाता, एंकर आदि के रूप में एक आकर्षक कॅरिअर की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा आप उर्दू के माध्यम से पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग, न्यायालय, खुफिया विभाग, जनसंपर्क विभाग, विज्ञापन कंपनियों में, प्रकाशन के क्षेत्र में, रचनात्मक गतिविधियों से जुड़े क्षेत्र के अलावा उर्दू में गजल व नज्म लिखकर व कवि सम्मेलनों या मुशायरों में गजलों व नज्मों को पढ़कर अच्छा खासा धन कमाया जा सकता है(जयंतीलाल भंडारी,नई दुनिया,दिल्ली,31.1.11)
मिठास ौर तहजीब हर भाषा में है!
जवाब देंहटाएंआप पर निर्भर है कि आप उसमें कितना डूबकर उसे प्रयोग करते हैं!
समय रहते लिपि न सीख पाने का मलाल है . वैसे काफी कुछ समझ में आ जाती है .
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