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02 फ़रवरी 2011

मध्यप्रदेशःअच्छे रिजल्ट की बलि चढ़ेंगे कमज़ोर छात्र

अपना रिजल्ट अच्छा दिखाने की चाह में हर स्तर पर उठापटक करने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने अब छात्रों को निशाने पर ले लिया है। मुहिम के तहत विभाग ने ऐसे छात्रों की पहचान शुरू कर दी है, जो पास होने लायक नहीं है। जुलाई में प्रवेश लेकर नियमित पढ़ाई कर रहे हजारों छात्र मुख्य परीक्षा के पहले प्रायवेट कर दिए जाएंगे। इन छात्रों को प्रवेश पत्र भी प्रायवेट का ही मिलेगा। लोक शिक्षण संचालनालय ने कमजोर छात्रों को प्रायवेट करने के संबंध में सभी जिलों को आदेश भी भेज दिया है। अपने मंसूबों को छुपाने के लिए विभाग ने आदेश में उपस्थिति की आड़ ली है। सभी स्कूलों से 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्रों को प्रायवेट करने कहा गया है। इसमें दस फीसदी की छूट का अधिकार प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी को है। इसके चलते 65 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्रों का प्रायवेट होना निश्चित हो गया है। ऐसे छात्रों का आंकड़ा प्रदेश भर में एक लाख के आसपास बताया जा रहा है। पिछले साल भी 80 हजार छात्र इसी मुहिम की बलि चढ़ाए गए थे। सूत्रों का कहना है कि विभाग के रिजल्ट को ध्यान में रखकर चलाए जा रहे अभियान को अंजाम देने के लिए प्री बोर्ड परीक्षा तक इंतजार किया जा रहा है। प्री बोर्ड में फेल होने वाले छात्रों को इसमें शिकार बनाते हुए प्रायवेट कर दिया जाएगा। 

संशोधन पत्रक में होगा खेल
जानकारी के अनुसार नियमित छात्रों को प्रायवेट करने का जरिया बनेगा माशिमं से आने वाला संशोधन पत्रक। मंडल द्वारा फायनल प्रवेश पत्र प्रिंट करने के पहले अगले सप्ताह में एक संशोधन पत्रक भेजा जाना है। वैसे तो यह संशोधन पत्रक परीक्षा फार्म में भरी गई जानकारी के मिलान के लिए भेजा जाना है, लेकिन सभी प्राचार्य अपने-अपने स्कूल के कमजोर छात्रों की श्रेणी नियमित काटकर प्रायवेट कर देंगे। ताकि इनके प्रवेश पत्र भी प्रायवेट के ही आएं(दैनिक जागरण,भोपाल,2.2.11)।

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