आईआईटी बॉम्बे के एक फैकल्टी मेंबर के ऊपर लगे सेक्स आरोपों के बाद उन्हें संस्थान से इस्तीफा दे देने के लिए कहा गया है। आईआईटी के प्रवक्ता ने बताया कि संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने उनकी पेंशन और ग्रैच्युटी को भी एक तिहाई करने का ऑर्डर पास किया है।
गौरतलब है कि गुप्ता एक सीनियर प्रफेसर हैं और सेंटर फॉर इन्वाइरमेंटल साइंस ऐंड इंजिनियरिंग को पिछले 5 सालों से हेड कर रहे हैं। साथ उन्हें वेस्ट मैनेंजमेंट का एक्सपर्ट भी माना जाता है। आईआईटी-बी की पब्लिक रिलेशन ऑफिसर जया जोशी ने बताया कि प्रफेसर की शिकायत जनवरी 2009 में तब आई थी, जब पीड़ित स्टूडेंट्स ने मामले को स्टूडेंट काउंसलर के सामने उठाई थीं।
प्रफेसर पर आरोप लगाने वाले छात्रों में एक प्रोजेक्ट स्टाफ और एक पीएचडी स्टूडेंट थीं। पीएचडी स्टूडेंट के मुताबिक प्रफेसर ने एक और एमटेक स्टूडेंट को भी अपना शिकार बनाया था, जिस कारण उसने संस्थान छोड़ दिया था। पीएचडी करने वाली पीड़ित छात्रा अब तक सदमे से पूरी तरह ऊबर नहीं पाई है।
गौरतलब है कि प्रफेसर गुप्ता ने हाल ही इंस्टिट्यूट के दौरे पर आईं प्रेजिडेंट प्रतिभा पाटिल से अपील की कि वह निर्दोष हैं। लेकिन, संस्थान ने प्रफेसर गुप्ता को वह कॉपी दी है, जिसमें पीड़ित छात्रा से प्रफेसर गुप्ता ने भी क्रॉस पूछताछ की थी(नवभारत टाइम्स,मुंबई,1.2.11)।
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