दिल्ली विश्वविद्यालय में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार कुलपति प्रो दिनेश सिंह ने सोमवार को सीधे-सीधे छात्रों से इंटरएक्शन किया। छात्रों ने सवालों की झड़ी लगा दी। किसी ने शिक्षक के क्लास नहीं लेने की पीड़ा सुनाई तो किसी ने पाठ्यक्रम अपडेट नहीं होने का। सवालों से घिरे प्रो सिंह ने हर संभव कदम उठाने का आश्वासन दिया।
विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स परिसर में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में अरविन्दो कॉलेज सांध्य की एक छात्रा ने सवाल दागा, कई शिक्षक पढ़ाने में सक्षम भी नहीं हैं। ऐसे लोगों को कॉलेज में क्यों नियुक्त किया गया? कार्रवाई क्यों नहीं जाती।
इंद्रप्रस्थ कॉलेज की छात्रा निधि ने शुरू में शिक्षकों के हड़ताल और धरना प्रदर्शन और सत्र के आखिर में आनन फानन में पाठ्यक्रमों को हल्के ढंग से पढ़ाने यानी जैसे घास की कटाई हो रही है, की शिकायत की। प्रो सिंह ने कहा कि मास्टर को सुधारने की जादुई छड़ी तो प्रशासन के पास नहीं है। लेकिन प्रशासन कुछ हद तक इस दिशा में जरूर कदम उठाएगा। स्टीफंस कॉलेज में दर्शनशास्त्र विभाग की छात्रा ने पाठ्यक्रम को सालों से बदले नहीं जाने की शिकायत की। गुヒनानक देव खालसा के आदर्श ने भी हिन्दी पत्रकारिता कोर्स में कंप्यूटर और कैमरा नहीं होने और पिछले १५ साल से पाठ्यक्रम नहीं बदले जाने की ओर ध्यान दिलाया। कुलपति ने आश्वासन दिया कि सेमेस्टर में इस पर ध्यान दिया जाएगा। ऐसा ही सवाल श्यामलाल कॉलेज के छात्र ने दागा। उसने पूछा, बीए प्रोग्राम में सबसे ज्यादा छात्र दाखिला लेते हैं लेकिन इसे नौकरी के बाजार में कोई तवज्जो नहीं देता। आखिर ऐसा कोर्स क्यों पढ़ाया जा रहा है। नेहा ने दयाल सिंह कॉलेज सांध्य में बीएलएड और पत्रकारिता जैसे प्रोफेशनल कोर्स शुरू करने में आ रही अड़चनों की ओर ध्यान दिलाया। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में कैंपस से बाहर के छात्रों ने जहां प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया वहीं साउथ कैंपस के छात्रों ने अपने यहां बस की सुविधा और सूचना सेंटर की समस्या की ओर ध्यान दिलाया। महर्षि वाल्मीकि कॉलेज की छात्रा कुसुम ने ब्रेल लिपि में अध्ययन सामग्री के अभाव पर प्रशासन का ध्यान खींचा। छात्रों के सवाल दर सवालों की लग रही झड़ी को देखते हुए प्रो सिंह ने कहा कि प्रशासन और कॉलेज को सुधारने के लिए छात्र अपने अपने सुझाव फार्म के जरिए दें। उनकी समस्याओं को प्रशासन गंभीरता से लेगा और उसे दूर करने की हर संभव कोशिश करेगा। अधिकारियों की मानें तो संवाद का यह कार्यक्रम सिस्टम में उस गड़बड़ी को जानने के लिए किया गया था जिसकी वजह से छात्र परेशान होते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में आनेवाले समय में छात्रों को कई तरह की सहूलियतें और दी जाएंगी। नए कुलपति प्रो दिनेश सिंह ने योजना का खाका पेश किया।
कॉम्पलेक्स परिसर में करीब डेढ़ हजार छात्रों को संबोधित करते हुए प्रो सिंह ने कहा कि कॉलेजों में यूनिक ढंग से काम करने के लिए इनोवेटिव प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी। इसमें हिस्सा लेने वाले कॉलेज और छात्रों को प्रशासन अलग से अनुदान देगा। उन्होंने प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया। प्रो सिंह ने कहा कि आने वाले समय में यहां पढ़ने वाले छात्रों को एक लाख बीमा की योजना को भी अमलीजामा पहनाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए वॉकी टॉकी भी शुरू किया गया है। इसके तहत वर्दी में लैस महिला या पुヒष पेट्रोलिंग करेंगे। उनके पास प्राथमिक चिकित्सा का उपकरण भी होगा। विश्वविद्यालय में ढक्का गांव में १५०० छात्राओं के लिए रहने के लिए छात्रावास तैयार होने की भी सूचना दी। हिन्दी माध्यम के लिए अध्ययन सामग्री तैयार कराने और विकलांग छात्रों के लिए लिफ्ट, बाथरूम और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन दिया। छात्रों को प्रशासन के पास अपनी समस्याएं सुनाने के लिए इंटरएक्शन प्रोगा्रम चलाने की घोषणा की। प्रशासन ने इसके अलावा प्लेसमेंट सेल, बस की सुविधा और कंप्यूटर से लैस करने का भी ऐलान किया। खेलकूद में हिस्सा लेने वाले छात्रों को अलग से पहचान मिलेगा इसकी व्यवस्था करने की बात भी कुलपति ने कार्यक्रम में कही।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।