अंकुर नौटियाल इन दिनों बेहद खुश है। इसलिए नहीं कि उसे कॉलेज की पढ़ाई से मुक्ति मिलने वाली है, बल्कि इसलिए क्योंकि कॉलेज छोड़ने से पहले ही उसके हाथ में एक जानी-मानी कंपनी का जॉब ऑफर है। बीटेक आईटी के लास्ट सेमेस्टर में पढ़ रहा अंकुर दो साल पहले अपने करियर को लेकर खासा परेशान था और वह उस दिन को कोस रहा था, जब उसने आईटी से बीटेक करने का फैसला किया था। उस समय उसकी परेशानी का कारण दुनिया भर में छाई मंदी थी, जिससे प्रभावित भारतीय आईटी और बीपीओ कंपनियों ने न केवल नई बहाली रोक दी, बल्कि तमाम कर्मचारियों को पिंक स्लिप का नोटिस तक पकड़ा दिया..। हालांकि 2010 आते-आते मंदी के बादल छंट गए और 60 अरब डॉलर के आउटसोर्सिग से जुड़ी भारतीय आईटी कंपनियां फिर से दुनिया में छाने को तत्पर दिखाई पड़ने लगीं।
लौटे सुनहरे दिन
2011 शुरू होने से पहले ही प्राय: सभी दिग्गज आईटी कंपनियां बड़े पैमाने पर बहाली का संकेत देने लगी थीं। जानी-मानी आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ एस. गोपालकृष्णन का कहना है, यह सेक्टर एक बार फिर तेजी से आगे बढ़ रहा है और अगले कुछ महीनों में शीर्ष पांच आईटी कंपनियां 1,80,000 प्रोफेशनल्स की बहाली करेंगी। इन कंपनियों में टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो, काग्निजेंट शामिल हैं। देखा जाए तो आईटी कंपनियां नियुक्तियों के मामले में एक बार फिर 2008 से पहले की रफ्तार पकड़ने को तैयार हैं।
कहां, कितनी बहाली
टीसीएस यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज आगामी मार्च तक 15 हजार प्रोफेशनल्स को नियुक्त करने वाली है। इसमें 37 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती कैम्पस सेलेक्शन के माध्यम से सीधे कॉलेजों से होगी। टीसीएस में ग्लोबल ह्यूमन रिसोर्स के वाइस-प्रेसिडेंट अजोयेंद्र मुखर्जी कहते हैं,हमारे यहां पूरे साल करीब 50 हजार प्रोफेशनल्स की बहाली की जाएगी। इनमें से ज्यादातर भारत, अमेरिका, लैटिन अमेरिका और एशिया-पैसिफिक के अन्य देशों से होंगी। काग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस इस साल 25 हजार नए कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाली है।
जॉब की जंग
अपने लाभ में सुधार करते हुए प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनियां फ्रेशर्स की नियुक्ति के मामले में बड़ी और मल्टीनेशनल कंपनियों को तगड़ी चुनौती दे रही हैं। बड़ी कंपनियां जहां अनुभवी प्रोफेशनल्स की नियुक्ति पर ज्यादा जोर देती हैं, वहीं कॉग्निजेंट और एक्सेंचर जैसी कंपनियां फ्रेश इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की बहाली को प्राथमिकता दे रही हैं। 2011 को आउटसोर्सिग सेक्टर के लिए जबर्दस्त ग्रोथ का वर्ष मानते हुए ही आईटी कंपनियां नियुक्तियों पर अधिक ध्यान दे रही हैं, लेकिन अनुभवी प्रोफेशनल्स पर खर्च होने वाली भारी-भरकम धनराशि के कारण बड़ी कंपनियों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मंदी से बाहर निकल आने वाली इंफोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियां अपने प्रमुख कैम्पस स्लॉट को कॉग्निजेंट व एक्सेंचर जैसी ज्यादा आक्रामक प्रतिस्पर्धी के हाथों खो रही हैं। खास बात यह है कॉग्निजेंट व एक्सेंचर बिना किसी कर्मचारी बॉन्ड के ही फ्रेश ग्रेजुएट्स को जॉब देने का दांव कामयाबी के साथ खेल रही हैं। ऐसा करके ये कंपनियों को न केवल वेतन और परियोजना खर्च करने में मदद मिल रही है, बल्कि इससे वे अपना मुनाफा बढ़ाने में भी कामयाब हैं। कॉग्निजेंट जहां बिना किसी बॉन्ड के जॉब देने के कारण युवा आईटी प्रोफेशनल्स की पहली पसंद बनता जा रहा है, वहीं एक्सेंचर और आईबीएम जैसी आईटी कंपनियां बेहतर सैलरी देकर उन्हें लुभा रही हैं। ऐसे में इन दिनों टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल आदि को फ्रेश ग्रेजुएट को बहाल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण इन कंपनियों पर काफी दबाव है।
प्रोफेशनल्स को लाभ
आईटी, सीएस से इंजीनियरिंग या एमसीए कर रहे फ्रेशर युवाओं के लिए आईटी कंपनियों की वर्तमान प्रतिस्पर्धा उत्साहित करने वाली है। जो युवा इस साल अपनी पढ़ाई के अंतिम साल या सेमेस्टर में हैं, उन्हें मनपंसद कंपनी में नौकरी पाने का अवसर मिल सकता है। इतना ही नहीं, कॉम्पिटिशन के कारण ये कंपनियां खुद चलकर उनके कॉलेज में आएंगी और कैम्पस सेलेक्शन करेंगी।
रहें तैयार
जब बेशुमार मौकों में से अपने लिए बेहतर अवसर चुनने का विकल्प युवाओं के पास है, तो उन्हें भी इसके लिए कमर कस लेनी चाहिए। उन्हें खुद को हर तरह से तैयार रखना चाहिए, ताकि जब उन्हें किसी कंपनी की तरफ से बुलावा आए तो वे उसकी हर कसौटी पर खरे उतर सकें(अरूण श्रीवास्तव,दैनिक जागरण,दिल्ली,1.2.11)।
लौटे सुनहरे दिन
2011 शुरू होने से पहले ही प्राय: सभी दिग्गज आईटी कंपनियां बड़े पैमाने पर बहाली का संकेत देने लगी थीं। जानी-मानी आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ एस. गोपालकृष्णन का कहना है, यह सेक्टर एक बार फिर तेजी से आगे बढ़ रहा है और अगले कुछ महीनों में शीर्ष पांच आईटी कंपनियां 1,80,000 प्रोफेशनल्स की बहाली करेंगी। इन कंपनियों में टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो, काग्निजेंट शामिल हैं। देखा जाए तो आईटी कंपनियां नियुक्तियों के मामले में एक बार फिर 2008 से पहले की रफ्तार पकड़ने को तैयार हैं।
कहां, कितनी बहाली
टीसीएस यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज आगामी मार्च तक 15 हजार प्रोफेशनल्स को नियुक्त करने वाली है। इसमें 37 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती कैम्पस सेलेक्शन के माध्यम से सीधे कॉलेजों से होगी। टीसीएस में ग्लोबल ह्यूमन रिसोर्स के वाइस-प्रेसिडेंट अजोयेंद्र मुखर्जी कहते हैं,हमारे यहां पूरे साल करीब 50 हजार प्रोफेशनल्स की बहाली की जाएगी। इनमें से ज्यादातर भारत, अमेरिका, लैटिन अमेरिका और एशिया-पैसिफिक के अन्य देशों से होंगी। काग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस इस साल 25 हजार नए कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाली है।
जॉब की जंग
अपने लाभ में सुधार करते हुए प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनियां फ्रेशर्स की नियुक्ति के मामले में बड़ी और मल्टीनेशनल कंपनियों को तगड़ी चुनौती दे रही हैं। बड़ी कंपनियां जहां अनुभवी प्रोफेशनल्स की नियुक्ति पर ज्यादा जोर देती हैं, वहीं कॉग्निजेंट और एक्सेंचर जैसी कंपनियां फ्रेश इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की बहाली को प्राथमिकता दे रही हैं। 2011 को आउटसोर्सिग सेक्टर के लिए जबर्दस्त ग्रोथ का वर्ष मानते हुए ही आईटी कंपनियां नियुक्तियों पर अधिक ध्यान दे रही हैं, लेकिन अनुभवी प्रोफेशनल्स पर खर्च होने वाली भारी-भरकम धनराशि के कारण बड़ी कंपनियों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मंदी से बाहर निकल आने वाली इंफोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियां अपने प्रमुख कैम्पस स्लॉट को कॉग्निजेंट व एक्सेंचर जैसी ज्यादा आक्रामक प्रतिस्पर्धी के हाथों खो रही हैं। खास बात यह है कॉग्निजेंट व एक्सेंचर बिना किसी कर्मचारी बॉन्ड के ही फ्रेश ग्रेजुएट्स को जॉब देने का दांव कामयाबी के साथ खेल रही हैं। ऐसा करके ये कंपनियों को न केवल वेतन और परियोजना खर्च करने में मदद मिल रही है, बल्कि इससे वे अपना मुनाफा बढ़ाने में भी कामयाब हैं। कॉग्निजेंट जहां बिना किसी बॉन्ड के जॉब देने के कारण युवा आईटी प्रोफेशनल्स की पहली पसंद बनता जा रहा है, वहीं एक्सेंचर और आईबीएम जैसी आईटी कंपनियां बेहतर सैलरी देकर उन्हें लुभा रही हैं। ऐसे में इन दिनों टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल आदि को फ्रेश ग्रेजुएट को बहाल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण इन कंपनियों पर काफी दबाव है।
प्रोफेशनल्स को लाभ
आईटी, सीएस से इंजीनियरिंग या एमसीए कर रहे फ्रेशर युवाओं के लिए आईटी कंपनियों की वर्तमान प्रतिस्पर्धा उत्साहित करने वाली है। जो युवा इस साल अपनी पढ़ाई के अंतिम साल या सेमेस्टर में हैं, उन्हें मनपंसद कंपनी में नौकरी पाने का अवसर मिल सकता है। इतना ही नहीं, कॉम्पिटिशन के कारण ये कंपनियां खुद चलकर उनके कॉलेज में आएंगी और कैम्पस सेलेक्शन करेंगी।
रहें तैयार
जब बेशुमार मौकों में से अपने लिए बेहतर अवसर चुनने का विकल्प युवाओं के पास है, तो उन्हें भी इसके लिए कमर कस लेनी चाहिए। उन्हें खुद को हर तरह से तैयार रखना चाहिए, ताकि जब उन्हें किसी कंपनी की तरफ से बुलावा आए तो वे उसकी हर कसौटी पर खरे उतर सकें(अरूण श्रीवास्तव,दैनिक जागरण,दिल्ली,1.2.11)।
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