सौर ऊर्जा पर बढ़ती निर्भरता और इसकी प्रचुर संभावनाओं को देखते हुए अगले 10 वर्षो में इस क्षेत्र में एक लाख प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होगी। सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन तैयार करने के लिए इसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में शुरू करने की तैयारी है। अगले शैक्षिक सत्र से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की सरकार की मंशा है। यह सर्टिफिकेट कोर्स तीन हफ्ते का होगा। सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए बीटेक और एमटेक स्तर पर भी माड्यूल तैयार किए जा रहे हैं। इन माड्यूल को इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग का हिस्सा बनाने की योजना है। यह जानकारी मंगलवार को यहां जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सोलर मिशन (जेएनएनएसएम) पर राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में केंद्र सरकार के अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के निदेशक डॉ.अहमद रजा ने दी। उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सोलर मिशन कार्यक्रम तीन चरणों में चलाया जाएगा। पहला चरण 2010 से 2013 तक, दूसरा 2014-17 और तीसरा चरण 2017-22 तक। इस अवधि में देश में 20,000 मेगावाट ग्रिडयुक्त और 2,000 मेगावाट ग्रिड रहित सोलर पावर क्षमता निर्माण किया जाएगा। सौर ऊर्जा उपकरणों की अधिक लागत को देखते हुए केंद्र सरकार ने मिशन में अनुदान और रियायती ऋण का प्रावधान किया है। इसके तहत लाभार्थियों को उपकरण की लागत का 30 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा, 20 प्रतिशत मार्जिन मनी होगा और शेष 50 फीसदी बैंक ऋण के तौर पर पांच प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत मार्च 2011 तक उत्तर प्रदेश में 40,000 सौर ऊर्जा चालित सिस्टम स्थापित करने का लक्ष्य है जिसमें 18 करोड़ रुपये की धनराशि सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। कार्यशाला के दौरान डॉ.रजा और नाबार्ड के प्रधान कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक जेसी मिश्रा ने आर्यावर्त ग्रामीण बैंक को 3282 लाभार्थियों के लिए 1.11 करोड़ रुपये और प्रथमा बैंक को 1653 लाभार्थियों के लिए 59 लाख की कैपिटल सब्सिडी चेक के माध्यम से जारी की गई। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने सौर ऊर्जा उपकरणों के लिए दिये जाने वाले बैंक ऋण को प्राथमिक क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज में शामिल करने की पेशकश की है। इस पर बैंक के फैसले का इंतजार है(दैनिक जागरण,लखनऊ,1.2.11)।
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