सरकार ने तटरक्षक बल की सैन्य क्षमता 2020 तक 2008 के मुकाबले तीन गुना करने की मंजूरी दे दी है। एक दशक बाद तटरक्षक बल के पास करीब 20 हजार स्टाफ, 200 जहाज और 50 विमान होंगे। 30 हेलिकॉप्टर हासिल करने पर भी सरकार ने मुहर लगा दी है।
तटरक्षक बल के महानिदेशक वाइस एडमिरल अनिल चोपड़ा ने 34वें स्थापना दिवस पर बताया कि 26/11 अटैक के बाद देश के 7000 किमी लंबे समुद्र तट को अभेद्य बनाने के कई उपाय किए गए हैं। इसके तहत तटरक्षक बल की स्टाफ और सैन्य क्षमता में भारी बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव था। आने वाले बरसों में तटरक्षक बल में स्टाफ, युद्धपोत, टोही विमान और हेलिकॉप्टरों की क्षमता में लगातार बढ़ोतरी होगी।
उल्लेखनीय है कि समुद्र तटों की चौकसी और रक्षा की जिम्मेदारी तटरक्षक बल की है। उसके आगे समुद्री इलाके की चौकसी नौसेना करती है। तटों की चौकसी की जिम्मेदारी समग्रता में नेवी की अगुवाई में ही निभाई जा रही है। एडमिरल चोपड़ा ने बताया कि तटरक्षक बल के लिए विभिन्न शिपयार्डों में 160 जहाज तैयार किए जा रहे हैं। 2020 तक कई पुराने जहाज रिटायर हो जाएंगे, इसके बावजूद पोतों की संख्या 200 तक हो जाएगी। तटों की बेहतर चौकसी के लिए 2010 में दस नए तटीय स्टेशन खोले जा चुके हैं। इस साल दस और स्टेशन खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन की कमी से तटरक्षक बल का तेजी से विस्तार नहीं हो पा रहा है लेकिन अब नए स्टाफ की भर्ती और ट्रेनिंग नौसेना के सहयोग से तेज कर दी गई है। कुछ वर्षों में तटरक्षक बल के पास अपनी ट्रेनिंग अकादमी होगी। लक्षद्वीप समूह की चौकसी के लिए तटरक्षक बल ने हाल ही में ऑपरेशन आईलैंड वॉच शुरू किया है।
समुद्री डाकुओं के खतरों के बारे में एडमिरल चोपड़ा ने कहा कि सोमालियाई डाकू अब भारतीय समुद्री सीमाओं के पास आने की कोशिश करने लगे हैं। पकड़े गए डाकुओं से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उनके पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से कोई संबंध हैं या नहीं। ये डाकू समुद्री व्यापारिक जहाजों के लिए भारी खतरा पैदा कर रहे हैं। चूंकि ये भारतीय समुद्री इलाके में भी आ गए हैं इसलिए अटकलें हैं कि उनके पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से रिश्ते तो नहीं हैं(नवभारत टाइम्स,दिल्ली-मुंबई,2.2.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।