.छात्रों के बाद शिक्षकों से चर्चा के लिए पहुंचे कुलपति ने उनके लिए भी कई अहम घोषणाएं कीं जिसमें से एक थी विदेशों में रिसर्च और सम्मेलनों के लिए एक करोड़ रुपए का सालाना फंड।
यह फंड उन सभी शिक्षकों को मिलेगा जो एकेडमिक रिसर्च व सम्मेलनों के लिए विदेश जाने के इच्छुक होंगे।
इनोवेशन प्रोग्राम्स पर खास जोर :
कॉलेज स्तर पर शैक्षणिक विकास की प्रक्रिया को जारी रखने और नई सोच को बढ़ावा देने के लिए कुलपति ने शिक्षकों से सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि तीन शिक्षकों व 10 छात्रों की मदद से हर कॉलेज इस काम को अंजाम दे।
इसकी निगरानी के लिए बाकायदा एक टॉस्क फोर्स भी डीयू बनाएगा। इसके साथ ही इन योजनाओं को अमली जमा पहनाने के लिए डीयू अनुदान भी देगा।
शिक्षकों के साथ अपने संवाद में कुलपति का जोर इंटर डिस्पलनरी कोर्सो को शुरू करने पर भी दिखा। उनका कहना था कि सेमेस्टर सिस्टम के जरिये हम ऐसे ढ़ेरों प्रयास कर सकते हैं और यदि शिक्षक इस दिशा में काम करेंगे तो सचमुच हमारे छात्र न सिर्फ बेहतर तरीके से शिक्षित होंगे, बल्कि वे अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ प्रोफेशनल स्तर पर भी विकसित होंगे(दैनिक भास्कर,दिल्ली,2.2.11)।
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