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29 जून 2011

दिल्ली के लाजपत नगर का राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालयः10वीं तक पढ़ाया, अब दाखिला नहीं लेंगे

मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून लागू कर देशभर में ‘सब पढ़े सब बढ़े’ का नारा बुलंद करने वाली केन्द्र सरकार की नीतियों को दिल्ली में जमकर पलीता लगाया जा रहा है।

दिल्ली की कांग्रेस शासित सरकार लाजपत नगर स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय के उस अनुचित रवैए को लेकर खामोश है, जिसके चलते 17 छात्रों का भविष्य अधर पर में लटकने जा रहा है।

स्कूल ने अपने इन छात्रों को दसवीं में कम अंक प्रतिशत आने के चलते बाहर का रास्ता दिखा दिया है। स्कूल का का तर्क है कि क्योंकि इनका प्रतिशत कम है, इसलिए इन्हें कॉमर्स व साइंस स्ट्रीम में हम पढ़ा नहीं सकते और आर्ट्स उनके पास है नहीं।

लाजपत नगर स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में छात्रांे के साथ जारी दोहरे रवैए के खिलाफ आवाज उठाने वाली सोशल ज्यूरिस्ट नामक संस्था के प्रमुख एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने बताया कि इस मामले की जानकारी वह शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशक दोनों को ही दे चुके हंै और कारवाई के लिए 4 जुलाई तक का समय है।

इसके बाद वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने बताया कि स्कूल के 17 बच्चों ने उन्हें लिखित शिकायत की है कि उन्हें जबरन स्कूल छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।


छात्रों का आरोप है कि उन्होंने दसवीं इसी स्कूल से पास की है और यहां केवल दो ही स्ट्रीम है साइंस व कॉमर्स उपलब्ध हैं। ऐसे में अब अब स्कूल कह रहा है कि उन्हें इन दोनों में दाखिला नहीं मिल सकता और उन्हें किसी दूसरे स्कूल में आर्ट्स स्ट्रीम में दाखिला लेना पड़ेगा, क्योंकि उनकी अंक प्रतिशत कम है। पीड़ित छात्रों में से एक ने बताया कि उसने दसवीं में 72 फीसदी अंक हासिल किए हैं। 

फिर भी उसे दाखिला नहीं दिया जा रहा है। अशोक अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इसी तरह के एक मामले में 2009 में आए फैसले के मुताबिक कानूनी तौर पर बच्चे 11वीं में कॉमर्स में ही दाखिले के हकदार हैं। 

उन्होंने कहा कि अगर स्कूल में आर्ट्स स्ट्रीम नहीं है तो स्कूल प्रशासन को बच्चों को कॉमर्स में ही दाखिला देना चाहिए। प्रशासन उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने आग्रह किया है कि इन बच्चों को शैक्षिक सत्र 2011-12 के तहत ही कॉमर्स में दाखिला दिलाया जाए(दैनिक भास्कर,दिल्ली,29.6.11)।

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